दिग्विजय सिंह ने नितिन गडकरी से माफी मांगी, मानहानि केस खत्म
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ दायर मानहानि का मामला वापस ले लिया है. दोनों नेताओं ने इसके लिए अदालत में संयुक्त आवेदन दिया था जिसे मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया. सिंह और गडकरी ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष संयुक्त आवेदन […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ दायर मानहानि का मामला वापस ले लिया है. दोनों नेताओं ने इसके लिए अदालत में संयुक्त आवेदन दिया था जिसे मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया. सिंह और गडकरी ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष संयुक्त आवेदन दायर कर मामले को वापस लेने के लिए अनुमति मांगी थी.
संयुक्त याचिका में कहा गया है , हाल ही में , प्रतिवादी (सिंह) और शिकायतकर्ता (गडकरी) ने मुलाकात की और निजी बातचीत में वे इस बात पर सहमत हुए हैं कि कभी – कभी राजनीति उत्तेजना में ऐसे बयान दे दिए जाते हैं जिनकी पुष्टि नहीं की जा सकती. इसलिए , बड़े सार्वजनिक हित में , वे इस मुकदमे को खत्म करने पर सहमत हुए हैं.
अदालत ने गडकरी को अपनी शिकायत वापस लेने की अनुमति दे दी और कहा कि मामला सौहार्दपूवर्क सुलझाया लिया गया है और दोनों नेता इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते. अदालत ने इस मामले में दिसंबर 2012 में कांग्रेस नेता को जमानत दी थी.
सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता के अपने पार्टी सांसद अजय संचेती के साथ व्यापारिक संबंध हैं. अदालत ने सिंह के खिलाफ ‘ प्रथम दृष्टया ‘ सबूत पाने के बाद उन्हें आरोपी के रूप में पेश होने का निर्देश दिया था. वह शिकायत आईपीसी की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत दायर की गयी थी.
अदालत में दर्ज अपने बयान में गडकरी ने संचेती के साथ किसी भी प्रकार के व्यापारिक संबंधों से इंकार किया था. उन्होंने कहा था कि सिंह ने उनके खिलाफ ‘पूरी तरह से गलत और मानहानिकारक ‘ आरोप लगाए थे.
गडकरी के अनुसार सिंह ने यह दर्शाने के लिए आरोप लगाए थे कि संचेती को कोयले की खानों के आवंटन के लिए वह (गडकरी) जिम्मेदार हैं. गडकरी ने अपनी याचिका में कहा था कि सिंह ने जनता में उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए थे. कांग्रेस नेता ने आरोपों से इंकार कर दिया था कि उन्होंने भाजपा नेता की छवि खराब की है.