राष्ट्रपति ने कहा-सशस्त्र सेनाएं मनुष्यों की विलक्षण प्रजाति, उत्कृष्टता और समर्पण के प्रतीक

पुणे : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवारक को सशस्त्र बलों को ‘मनुष्यों की विलक्षण प्रजाति’ बताया और कहा कि ये पूरे देश के लिए उत्कृष्टता तथा समर्पण के प्रतीक हैं. राष्ट्रपति पुणे के नजदीक खडगवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 134वें कोर्स की पासिंग आउट परेड की समीक्षा करने यहां आये थे. उन्होंने एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2018 4:47 PM

पुणे : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवारक को सशस्त्र बलों को ‘मनुष्यों की विलक्षण प्रजाति’ बताया और कहा कि ये पूरे देश के लिए उत्कृष्टता तथा समर्पण के प्रतीक हैं. राष्ट्रपति पुणे के नजदीक खडगवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 134वें कोर्स की पासिंग आउट परेड की समीक्षा करने यहां आये थे.

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘सशस्त्र सेनाएं महज अपना काम ही नहीं कर रही हैं, बल्कि वे अपना सर्वस्व न्योछावर कर रही हैं और इसीलिए वे मनुष्यों की विलक्षण प्रजाति हैं. पासिंग आउट परेड की समीक्षा से खुश कोविंद ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर होने के तौर पर यह उनके लिए बेहद संतुष्टि का क्षण है. उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र सेनाएं पूरे देश के लिए उत्कृष्टता और समर्पण का प्रतीक हैं. इस परेड में भारत और विभिन्न समुदाय के कैडेटों ने भाग लिया. इसकी सौहार्द्रता हमारी एकता को बयां करती है.’ राष्ट्रपति ने कहा कि एक सैनिक या वर्दी में एक अधिकारी चाहे वह सेना, नौसेना या वायु सेना का हो, वह देश में हर जगह प्रशंसा और विश्वास पैदा करता है.

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई नागरिक किसी रेलवे स्टेशन या बाजार या किसी अन्य स्थान पर सशस्त्र सेना के किसी सदस्य को देखता है तो उसके मन में तुरंत गर्व और भरोसे की भावना पैदा होती है.’ एनडीए के बारे में कोविंद ने इसे साहस और बहादुरी की प्रयोगशाला बताया. उन्होंने कहा, ‘आज, कैडेट हमारे युवा लोगों के लिए आदर्श, हमारी शांति एवं समृद्धि की गारंटी देनेवाले और हमारे देश के संरक्षक बन गये हैं.’ राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि यहां से निकलनेवाले कैडेट अपने पूर्ववर्ती अदम्य और निर्भय अधिकारियों के उत्तराधिकारी साबित होंगे.

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