नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट) 2018 के नतीजे गुरुवार को घोषित करने की राह बुधवार को साफ कर दी. क्लैट के परिणामों की घोषणा के बाद देश के 19 प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विधि महाविद्यालयों में दाखिला लेने का रास्ता खुल जायेगा.
न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति एमएम शांतानगौदर की अवकाश पीठ ने शिकायत निवारण समिति से क्लैट अभ्यर्थियों की शिकायतों पर गौर कर छह जून तक अपनी रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है. शिकायतों में 13 मई को संपन्न टेस्ट में कई तकनीकी एवं अन्य खामियां होने का आरोप लगाया गया है. शिकायत निवारण समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश कर रहे हैं. पीठ ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उसने क्लैट 2018 की परीक्षा को खारिज कर परीक्षा दोबारा कराने की मांग की थी. देश भर में करीब 54000 अभ्यर्थियों ने 19 राष्ट्रीय विधि महाविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए क्लैट 2018 परीक्षा दी थी. ‘नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवान्स्ड लीगल स्टडीज’ ने निजी फर्म मेसर्स सिफी टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के सहयोग से 13 मई को क्लैट की परीक्षा आयोजित की थी. इसके परिणाम गुरुवारको घोषित किये जाने हैं.
परीक्षा के तुरंत बाद ही देश के छह उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर 13 मई को ऑनलाइन हुई क्लैट परीक्षा में अनेक विसंगतियों का उल्लेख करते हुए इसे रद्द करने की मांग की गयी थी. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 25 मई को कहा था कि क्लैट 2018 में शामिल होनेवाले और खामियों की शिकायत करनेवाले अभ्यर्थी नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति के पास ऑनलाइन अभिवेदन दे सकते हैं. नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज के वकील ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ को सूचित किया था कि उन्होंने केरल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमआर हरिहरन नायर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित की है. यह समिति इस परीक्षा में शामिल होनेवाले छात्रों से मिली शिकायतों पर गौर करेगी.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि छात्र इस समिति में 27 मई को शाम सात बजे तक आॅनलाइन अपने प्रतिवेदन दे सकते हैं. समिति प्रत्येक मामले में मिली शिकायतों का विश्लेषण करके उचित निर्णय करेगी. पीठ ने निर्देश दिया था कि समिति पहले उन करीब 250 शिकायतों की जांच करेगी जो पहले मिली थीं और 29 मई तक उचित फैसला लेगी. इसके बाद दूसरे चरण में वह ऑनलाइन मिले नये अभिवेदनों पर ध्यान देगी. पीठ ने साफ कर दिया था कि समिति उच्च न्यायालयों एवं उच्चतम न्यायालय का रुख करनेवाले छात्रों की शिकायतों पर भी ध्यान देगी. उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं में आरोप लगाये गये थे कि ऑनलाइन परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को कई तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों की बुनियादी संरचना भी खराब थी और कर्मचारियों से उचित मार्गदर्शन नहीं मिला.
अभ्यर्थियों ने अपनी याचिकाओं पर फैसला आने तक अंतिम नतीजे जारी करने पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की थी. दिल्ली, मध्य प्रदेश, बंबई, पंजाब एवं हरियाणा और राजस्थान (जयपुर एवं जोधपुर पीठ दोनों) उच्च न्यायालय, क्लैट 2018 परीक्षा को चुनौती देते हुए दायर की गयी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे और कुछ मामलों में नोटिस जारी किये गये.