बालेश्वर (ओडिशा) : भारत ने स्वदेश में विकसित, परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘ अग्नि -5′ का रविवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह मार करने में सक्षम इस मिसाइल को सुबह करीब नौ बजकर 48 मिनट पर बंगाल की खाड़ी में डॉ . अब्दुल कलाम द्वीप पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लांच पैड -4 से सचल प्रक्षेपक (मोबाइल लांचर) की मदद से प्रक्षेपित किया गया.
सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक अग्नि -5 मिसाइल का यह छठा परीक्षण था और यह पूरी तरह सफल रहा. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपनी पूरी दूरी तय की. उन्होंने बताया कि मिशन के दौरान रडार , सभी ट्रैकिंग उपकरणों एवं निगरानी स्टेशनों से मिसाइल के हवा में प्रदर्शन पर नजर रखी गयी और उसकी निगरानी की गयी.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि ‘ अग्नि -5′ नौवहन एवं मार्गदशन , वार.हेड एवं इंजन के संदर्भ में नयी प्रौद्योगिकी से लैस अत्याधुनिक मिसाइल है. यदि आपको याद हो तो इसका आखिरी बार सफल परीक्षण इसी साल 18 जनवरी को किया गया था. इन मिसाइलों को डीआरडीओ ने विकसित किया है.
अग्नि सीरीज की मिसाइलों की बात करें तो चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखकर जमीन पर मार करने लिए इन्हें तैयार किया गया है.
सभी पांचों परीक्षण सफल
‘अग्नि-5′ का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को, दूसरा 15 सितंबर 2013, तीसरा 31 जनवरी 2015 और चौथा परीक्षण 26 दिसंबर 2016 को किया गया। पांचवा परीक्षण 18 जनवरी 2018 को हुआ. सभी पांचों परीक्षण सफल रहे.
ये है खासियत
1. अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई करीब 17 मीटर है.
2. इसका व्यास 2 मीटर है.
3. 50 टन की यह मिसाइल डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है.
4. यह ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा तेजी से जा सकती है.
5. इस मिसाइल के साथ ही भारत 5,000 से 5,5000 किलोमीटर की दूरी तक वार करने वाले बलिस्टिक मिसाइलों से लैस देशों के ग्रुप में शामिल हो जाएगा. फिल हाल यह क्षमता अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों के ही पास है.
6. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेश निर्मित यह परमाणु क्षमता वाली सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल 5,000 से 8,000 किलोमीटर तक के दायरे में निशाना साध सकती है. यह चीन के लगभग हर हिस्से में पहुंचने में सक्षम है.