केंद्र अशांत शिलांग में केंद्रीय बलों की छह कंपनी भेजेगा, अल्पसंख्यक आयोग की टीम भी पहुंचेगी
शिलांग: केंद्र ने शिलांग में अर्धसैनिक बलों की छह अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने को मंजूरी दी है जहां कल रात फिर से हिंसा फैल गयी थी और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर में लुमडिंगजरी थाना क्षेत्र के […]
शिलांग: केंद्र ने शिलांग में अर्धसैनिक बलों की छह अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने को मंजूरी दी है जहां कल रात फिर से हिंसा फैल गयी थी और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर में लुमडिंगजरी थाना क्षेत्र के कई हिस्सों और कैंटोनमेंट बीट हाउस क्षेत्र में आज चौथे दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा तथा कर्फ्यू लगा रहा. शहर के पंजाब लाइन क्षेत्र में बृहस्पतिवार को एक बस के कर्मचारी की कुछ लोगों ने कथितरूप से पिटाई कर दी थी जिसके बाद दो गुटों में झड़प हुई थी. इस हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत दस से अधिक लोग घायल हुए थे. एक व्यक्ति को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस महानिदेशक एसबी सिंह ने बताया कि मेघालय की राजधानी शिलांग के इलाकों में सुरक्षा कड़ी की जाएगी जो झड़पों से प्रभावित हैं. सिंह ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की चार अतिरिक्त और आइटीबीपी की दो अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की मंजूरी दी है.
सीआरपीएफ की एक कंपनी और जिला बल के साथ राज्य के एसएफ 10 कमांडो पहले से ही स्थिति पर नजर रख रहे हैं.’ जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कल रात पुलिस को पंजाबी लाइन क्षेत्र से महज कुछ मीटर दूर मोटफ्रान के समीप मावखार और मिशन कम्पाउंड इलाके से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा था. बदले में प्रदर्शनकारियों ने रॉबर्ट्स अस्पताल के पास एक पुलिस गाड़ी उलट दी और एक अधिकारी पर सरेआम हमला किया था. मेघालय के गृहमंत्री जेम्स संगमा ने लोगों से शांति की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘ प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन बंद करना चाहिए क्योंकि सरकार पहले ही उनकी मांगें मान चुकी है जिसमें 31 मई को बस के कर्मचारी पर हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी भी शामिल है.’ पूर्वी खासी पहाड़ी के उपायुक्त पीएस दखार ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक होने के बाद ही कर्फ्यू में ढील देने पर फैसला किया जाएगा. इस बीच, मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कल कहा था कि यह हिंसा स्थानीय मुद्दा है और कुछ निहित स्वार्थी तत्व उसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं. शिलांग के पंजाबी लाइन इलाके में सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतिंत पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कल कहा था कि पंजाब सरकार स्थिति के आकलन के लिए चार सदस्यीय टीम शिलांग भेजेगी.
शिलांग हिंसा : अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कल करेंगे दौरा
नयी दिल्ली: मेघालय की राजधानी शिलांग में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के मद्देनजर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कल अपना एक प्रतिनिधि वहां भेज रहा है जो पीड़ितों, मुख्यमंत्री और प्रशासन के लोगों से मुलाकात कर रिपोर्ट सौपेंगे. आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने ‘भाषा’ को बताया कि आयोग के सदस्य मंजीत सिंह राई कल शिलांग जाएंगे और वहां से लौटने के बाद रिपोर्ट देंगे. रिजवी ने कहा, ‘मनजीत सिंह वहां हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करेंगे और फिर प्रशासन के लोगों से मिलकर स्थिति का जायजा लेंगे. वहां से लौटकर वह रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके बाद हम आगे कदम उठाएंगे.’ उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्य को मुख्यमंत्री कोनराड संगमा से भी मुलाकात का समय मिला है. शिलांग में पिछले कुछ दिनों से जारी हिंसा की वजह से कर्फ्यू लगा हुआ है.
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