नयी दिल्ली : डिजिटाइजेशन के इस युग में किसी खास मौके पर सेल्फी का दौर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. चाहे वह पर्यावरण दिवस हो या फिर सफाई अभियान ही क्यों न हो, हर कोई झाड़ू और पौधों के साथ सेल्फी लेने में कोई कसर बाकी नहीं रखते. कल यानी मंगलवार को पर्यावरण दिवस है और इस मौके पर भी लोग सोशल साइट्स पर पौधारोपण करते हुए सेल्फी डालने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे, लेकिन भारत में 2015 से वन क्षेत्र में अब तक किसी प्रकार का इजाफा नहीं हुआ है. सेल्फी में होने वाले इस पौधारोपण की पोल पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन में जारी एक रिपोर्ट ही खोल रही है.
इसे भी पढ़ें : झारखंड की 80 हजार हेक्टेयर जमीन अाठ साल में हो गयी बंजर : सर्वे
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का वन क्षेत्र साल 2015 में 21.34 फीसदी के स्तर पर था. देश के वनाच्छादित क्षेत्र में साल 2009 की तुलना में 1.29 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी. भारत में पर्यावरण की स्थिति पर साल 2015 की पर्यावरण मंत्रालय की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में वन क्षेत्र 701673 वर्ग किमी हो गया है. साल 2010 में यह 692027 वर्ग किमी था.
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के दौरान सोमवार को राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन में यह रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार, वन क्षेत्र के अलावा पेड़ों की हरियाली के साथ देश का समग्र हरित क्षेत्र देश के कुल क्षेत्रफल का 24.16 फीसदी है. रिपोर्ट में भारतीय वन सर्वेक्षण के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के कुल भू-भाग का 21.34 फीसदी हिस्सा वनाच्छादित है. साल 2009 में यह स्तर 20.05 फीसदी था.
रिपोर्ट के अनुसार, 89 प्रति वन क्षेत्र के साथ मिजोरम देश का सर्वाधिक वनाच्छादित राज्य है. इसके बाद लक्षद्वीप 84.56 फीसदी के साथ दूसरे, अंडमान निकोबार द्वीप समूह 82 फीसदी के साथ तीसरे और अरुणाचल प्रदेश 80 फीसदी वन क्षेत्र के साथ चौथे स्थान पर है.
रिपोर्ट के अनुसार, देश के 15 राज्य 33 फीसदी से अधिक वन क्षेत्र वाले हैं. इनमें 35 फीसदी वन क्षेत्र के साथ असम सबसे निचले पायदान पर है. रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल क्षेत्रफल में सघन वन क्षेत्र का स्तर 9.59 फीसदी है.