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Operation Blue Star की बरसी पर बढ़ी स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा, जानें उस ऑपरेशन के बारे में जिसने ली एक प्रधानमंत्री की जान

अमृतसर : छह जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को देखते हुए स्वर्ण मंदिर और आसपास के इलाकों में तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि अकाल तख्त पर लाखों सिख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है और इसलिए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सेना ने स्वर्ण […]

अमृतसर : छह जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को देखते हुए स्वर्ण मंदिर और आसपास के इलाकों में तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि अकाल तख्त पर लाखों सिख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है और इसलिए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर के आसपास करीब 3200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बाईपास सहित शहर के प्रवेश और निकास मार्गों पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. बाहर से नगर में आनेवाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है ताकि किसी भी शरारती तत्व के प्रवेश को रोका जा सके.
सरकारी सुरक्षा एजेंसियां और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अधिकारी नगर में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. एसजीपीसी ने भी अपने स्वयंसेवकों को मंदिर परिसर के आसपास तैनात कर रखा है.
पुलिस महानिदेश सुरेश अरोड़ा ने दो जून को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था और ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था.

जानें ऑपरेशन ब्लूस्टार को
ऑपरेशन ब्लूस्टार को तीन दशकबीतचुके हैं. 3 से8 जून 1984 तक स्वर्ण मंदिर में चले इस मिलिट्री ऑपरेशन केलिएतत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दोषी माना जाता है. बताया जाता है कि इसी घटना का बदला लेने के लिए उन्हीं के अंगरक्षक ने उनकी हत्या कर दी थी. सिखों के लिए अलग देश ‘खालिस्तान’ की मांग और इसके बाद भारतीय इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ने वाले व्यक्ति जरनैल सिंह भिंडरावाले थे.
34 साल हो गये जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के आदेश दिया था. ऑपरेशन ब्लू स्टार के दो साल बाद भिंडरावाले और उनके साथियों के स्मारक बनाये गये. तीन मंजिल स्मारक एक 30 वर्ग फुट भूखंड पर बनाया गया. स्वर्ण मंदिर के म्यूजियम में इनकी तसवीर लगी है, जो सिखों को आज भी उनकी याद दिलाती है.

गौरतलब है कि 1983 में भिंडरावाले ने अपने साथियों के साथ स्वर्ण मंदिर में शरण ले ली. स्वर्ण मंदिर से ही भिंडरावाले ने अपनी गतिविविधियां शुरू कर दी. अलगाववादी गतिविधियों के कारण धीरे-धीरे सरकार और उनके बीच टकराव होने लगा. टकराव के चरम स्तर पर पहुंच जाने के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 3 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार के आदेश दे दिये.

साथ ही भारतीय सेना को स्वर्ण मंदिर में धावा बोलने का आदेश दिया. पांच दिन चले ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत भिंडरावाले और उसके साथियों के कब्जे से स्वर्ण मंदिर को मुक्त करा लिया गया. इस कार्रवाई में भिंडरावाले की मौत हो गयी. भारतीय सेना के अनुसार, ब्लू स्टार ऑपरेशन में 492 लोगों की मौत हुई, साथ ही 136 आर्मी के जवान भी इसमें शहीद हुए थे.

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