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किसानों के ”गांव बंद” आंदोलन से होने लगा ”बाजार बंद”, मंडियों में गहराने लगा सब्जियों का संकट

नयी दिल्ली : करीब पांच दिन पहले फसलों की उचित कीमत, कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर किसान संगठनों की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू ‘गांव बंद आंदोलन’ का असर अब देश की विभिन्न मंडियों पर दिखना शुरू हो गया है. देश किसी राज्य की मंडी में सब्जियों की आवक कम हो गयी […]

नयी दिल्ली : करीब पांच दिन पहले फसलों की उचित कीमत, कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर किसान संगठनों की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू ‘गांव बंद आंदोलन’ का असर अब देश की विभिन्न मंडियों पर दिखना शुरू हो गया है. देश किसी राज्य की मंडी में सब्जियों की आवक कम हो गयी है, तो कहीं सरकार की नीतियों के विरोध में किसानों की ओर से दूध और सब्जियां सड़क पर फेंकी जा रही है.

इसे भी पढ़ें : आंदोलन का चौथा दिन : थोक मंडियों पर पड़ने लगी अन्नदाताओं की हाय, सब्जियों में लगने लगी कीमतों की मिर्ची

मध्य प्रदेश में किसानों ने दूध-सब्जियों को सड़क पर फेंका

किसानों के 10 दिवसीय देशव्यापी ‘गांव बंद आंदोलन’ के पांचवें दिन मंगलवार को मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के सलामतपुर इलाके में किसानों के एक समूह ने दूध एवं सब्जियां सड़क पर फेंकी और चक्काजाम किया. इससे इलाके में कुछ समय के लिए सड़क यातायात अवरूद्ध कर दिया गया. इसके अलावा, प्रदेश में शांति बनी रही.

रायसेन जिले में किसानों ने किया चक्काजाम

किसानों ने रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सलामतपुर इलाके में सब्जियां फेंकी एवं दूध सड़क पर बिखेर दिया. उन्होंने भोपाल-विदिशा मार्ग पर चक्काजाम भी किया, जिससे करीब तीन घंटे तक इस मार्ग पर सड़क यातायात प्रभावित हुआ. किसान जागृति संगठन के सचिव इरफान जाफरी ने बताया कि उनका आंदोलन 10 जून तक जारी रहेगा.

भोपाल के अस्पताल में मरीजों को मुफ्त में बांटा गया दूध

वहीं, प्रदेश की राजधानी भोपाल में किसानों के एक गुट ने शहर के जय प्रकाश अस्पताल में मरीजों को दूध बांटकर कल्याणकारी काम किया. मध्य प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) ने बताया कि किसान आंदोलन के पांचवें दिन भी आज प्रदेश में कहीं से कोई अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं आयी है. समूचे राज्य में शांति बनी हुई है.

राजस्थान में गहराया दूध-सब्जियों का संकट

किसानों के 10 दिवसीय आंदोलन के चलते राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में दूध एवं सब्जियों की कमी और गहरा गयी. कालाडेरा गांव में आंदोलन के चलते जयपुर डेरी के दूध की खरीद प्रभावित हुई है, जो राज्य की राजधानी में तथा इसके बाहर दूध के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में एक है. इस गांव में कई बड़ी डेरी हैं. जयपुर डेरी के अध्यक्ष ओमप्रकाश पुनिया ने कहा कि संग्रह केंद्रों से केवल 7.70 लीटर दूध ही खरीदा जा सका, जबकि अन्य दिनों में 11 लाख लीटर दूध की खरीद होती है. उन्होंने कहा कि कमी की वजह से कुछ खास ब्रांड के दूध की आपूर्ति दो दिन से स्थगित है. उन्होंने कहा कि यह बुधवार को शुरू होगी. जयपुर की मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति भी अपर्याप्त है.

बुधवार को मंदसौर की रैली में शरीक होंगे राहुल गांधी

मंदसौर की पिपलिया मंडी में किसानों पर पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी के मौके पर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां ‘किसान समृद्धि संकल्प रैली’ को संबोधित करेंगे. इस रैली में पुलिस फायरिंग में मारे गये किसानों को श्रद्धांजलि दी जायेगी और मारे गये किसानों के परिजन भी इस रैली में उनके साथ मंच साझा करेंगे.

कांग्रेस नेता एवं मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने मंगलवार को बताया कि पिछले साल छह जून को किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर की पिपलिया मंडी में मारे गये किसानों के परिजनों को कांग्रेस ने पार्टी द्वारा श्रद्धांजलि देने वाली सभा में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया.

देवेंद्र फड़नवीस ने कांग्रेस-राकांपा पर लगाया किसानों को भड़काने का आरोप

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर हमला करते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां उनकी सरकार के खिलाफ किसानों को भड़का रही हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विपक्ष के पास विश्वसनीयता की कमी है. मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा था कि किसान तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखें, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती. कई अन्य राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र के किसान भी एक जून से 10 दिवसीय हड़ताल पर चल रहे हैं.

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