नयी दिल्ली: सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने में हुई कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से करीब चार घंटे पूछताछ की. कथित गड़बड़ियां चिदंबरम के कार्यकाल में हुई थीं.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाया है. सीबीआई दोनों की उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जांच कर रही है. राष्ट्रीय राजधानी में स्थित सीबीआई मुख्यालय से बाहर आने के बाद चिदंबरम ने कहा कि वह सीबीआई के सामने पेश हुए और प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर लिखा, सवाल-जवाब एफआईपीबी की फाइलों पर आधारित थे. इसलिए रिकार्ड में डालने के लिए कुछ नहीं था. चिदंबरम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी के संबंध में कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में आये हैं.
सीबीआई ने वर्ष 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मिली मंजूरी में कथित अनियमितता के लिए पिछले साल 15 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी. संप्रग-1 सरकार के दौरान जब यह मंजूरी दी गयी तो उस समय वित्त मंत्री चिदंबरम थे. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये की निधि कथित तौर पर हासिल करने के लिए इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था. इस मामले में अन्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी हैं. दोनों अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं.