मुम्बई : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार शाम यहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास ‘ मातोश्री ‘ में मुलाकात की. इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दोनों गठबंधन सहयोगी दलों के संबंधों में पिछले कुछ समय से खटास आयी है. बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे. यह बैठक करीब दो घंटे चली.
बैठक में क्या चर्चाएं हुईं , इस बारे में दोनों तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन भाजपा सूत्रों ने दावा किया कि बातचीत ‘‘ सकारात्मक ” रही और इससे दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने में मदद मिलेगी। ठाकरे से मिलने के बाद , भाजपा अध्यक्ष शाह ने रात में राज्य की राजनीतिक स्थित का जायजा लेने के लिए महाराष्ट्र भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी से मुलाकात की.
राज्य सरकार के अतिथि गृह में देर रात हुई बैठक में फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे सहित अन्य उपस्थित थे. दिन में माधुरी दीक्षित नेने और उद्योगपति रतन टाटा से शाह की मुलाकात के दौरान उपस्थित रहे दानवे , ठाकरे के साथ बैठक में मौजूद नहीं थे.
दानवे ने संवाददाताओं से कहा , ‘‘ मेरा कार्यक्रम पहले से तय था. मैं संगठन के काम में व्यस्त था.” भाजपा ने इससे पहले कहा था कि यह बैठक अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उसके ‘ सम्पर्क फॉर समर्थन ‘ अभियान को लेकर थी जिसका नेतृत्व शाह कर रहे हैं. गठबंधन सहयोगी दोनों पार्टियों ने पालघर लोकसभा सीट के लिए गत 28 मई को हुआ उपचुनाव अलग-अलग लड़ा था और प्रचार के दौरान दोनों ने एकदूसरे पर जमकर हमले किये थे.
शिवसेना विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खिन्न है और उसने लगातार उन पर हमले किये हैं. पालघर उपचुनाव में भाजपा से हार का सामना करने के बाद शिवसेना ने सहयोगी पार्टी को ‘‘ सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु ” करार दिया था. शिवसेना ने शाह और ठाकरे के बीच ‘‘ चार वर्ष के अंतराल के बाद ” बैठक की ‘‘ जरूरत ” पर कल सवाल उठाया था. शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 2019 वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी. दोनों दल ढाई दशक से अधिक समय तक सहयोगी रहे लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने अपने संबंध तोड़ लिये. बाद में राज्य में फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए दोनों ने फिर से हाथ मिला लिया.
‘‘ सामना ” में बुधवार को प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना ने विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में हार के बाद भाजपा के पहुंच कार्यक्रम पर सवाल उठाया. संपादकीय में कहा गया कि शिवसेना आगामी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी. इसके में लिखा है , ‘‘ प्रधानमंत्री विश्व की यात्रा कर रहे हैं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सम्पर्क कार्यक्रम के तहत देशभर में घूम रहे हैं. शाह राजग सहयोगियों से मिलेंगे. तथापि वह वास्तव में क्या करेंगे ? वह ऐसे समय में क्यों मिल रहे हैं , जब भाजपा को उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा है.”