अब कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता अहमद पटेल ने कहा – प्रणब दा से ऐसी उम्मीद नहीं थी

नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले के संबंध में उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के सवाल उठाने के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा है कि ‘मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी.’ दरअसल, कल अपने पिता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2018 1:18 PM

नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले के संबंध में उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के सवाल उठाने के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा है कि ‘मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी.’

दरअसल, कल अपने पिता के इस कदम पर सवाल उठाते हुए शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने’ की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. शर्मिष्ठा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पटेल ने कहा, ”मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी.” शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर, खुद के भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि भाजपा में जाने की बजाय वह राजनीति छोड़ना पसंद करेंगी.

उन्होंने अपने पिता को सचेत भी किया कि वह बुधवार की घटना से समझ गये होंगे कि भाजपा का ‘डर्टी ट्रिक्स’ विभाग किस तरह काम करता है. दिल्ली कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा ने कहा था, ‘‘यहां तक कि संघ कभी यह कल्पना भी नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे. लेकिन, भाषण को भूला दिया जायेगा और तस्वीरें रह जायेंगी तथा इनको फर्जी बयानों के साथ फैलाया जायेगा.”

उन्होंने कहा था, ‘’आप नागपुर जाकर भाजपा/आरएसएस को फर्जी खबरें गढ़ने, अफवाहें फैलाने और इनको किसी न किसी तरह विश्वसनीय बनाने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं और यह तो सिर्फ शुरुआत भर है.” मुखर्जी को संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. शर्मिष्ठा से पहले कांग्रेस के कई नेता पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं.

कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिट्ठी लिखकर मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला बदलने की अपील की थी.

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