चिंगदाव/चीन : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सालाना बैठक में शनिवार को भारत, रूस और चीन सहित अन्य सदस्य देशों के नेता शरीक होंगे. वे वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत करने के ठोस तरीके तलाशेंगे. दो दिवसीय एससीओ सम्मेलन में भाग होने के लिए पीएम मोदी शनिवार को यहां पहुंचेंगे.
अपने संबोधन में वह उन बड़ी चुनौतियों से निबटने में भारत का रुख बयांकर सकते हैं, जिनका विश्व सामना कर रहा है. इनमें आतंकवाद से निपटने के तरीके और क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना शामिल है. बैठक में पीएम मोदी और शी के उन फैसलों के क्रियान्वयन की प्रगति का जायजा लेने की संभावना है, जो उन्होंने अनौपचारिक बैठक में लिया था. भारत आतंकवाद की चुनौती से निपटने के प्रभावी तरीके तलाशने की वकालत करेगा.
आधा दर्जन से अधिक बैठकें होंगी
एससीओ देशों के नेताओं के साथ पीएम मोदी के करीब आधा दर्जन द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है कि पीएम मोदी और पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बीच क्या कोई बातचीत होगी. हुसैन भी चीन में हो रहे इस सम्मेलन में शरीक होने वाले हैं. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भी सम्मेलन में शरीक होंगे. भारत, रूस, चीन और अन्य मध्य एशियाई देशों को ईरान परमाणु समझौता पर चर्चा करने मौका मिलेगा.