कर्नाटक : कुमारस्वामी ने सरकार तो बनायी लेकिन मुश्किलों से लोग हो रहे दो-चार
कुमारस्वामी ने विभागों का आवंटन किया, वित्त मंत्रालय अपने पास रखा, डिप्टी सीएम को दिया गृह मंत्रालय बेंगलुरु : कर्नाटक में विभाग आवंटन को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच भारी खींचतान के बाद शुक्रवार रात मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया. मुख्यमंत्री ने अहम वित्त विभाग अपने पास रखा […]
कुमारस्वामी ने विभागों का आवंटन किया, वित्त मंत्रालय अपने पास रखा, डिप्टी सीएम को दिया गृह मंत्रालय
बेंगलुरु : कर्नाटक में विभाग आवंटन को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच भारी खींचतान के बाद शुक्रवार रात मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया. मुख्यमंत्री ने अहम वित्त विभाग अपने पास रखा है जबकि गृह विभाग उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर को दिया है. परमेश्वर कांग्रेस के नेता हैं. कुमारस्वामी ने ऊर्जा विभाग भी अपने पास रखा है. इस विभाग को लेकर दोनों दलों कांग्रेस एवं जदएस के बीच विवाद था. विभागों का आवंटन सत्ता साझेदारी समझौते के तहत किया गया है. हालांकि, इसके बावजूद कुमारस्वामी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. कांग्रेस के नाराज विधायक अपने लिए नये ठिकाने की तलाश में हैं और कुछ के बारे में कहा जा रहा है कि वे भाजपा से जुड़ सकते हैं.
कांग्रेस से अपील
इसी के मद्देनजर कुमारस्वामी ने कांग्रेस आलाकमान से कर्नाटक के अपने विधायकों को समझाने-बुझाने की अपील की है. कर्नाटक में संख्या का गणित सत्ताधारी जदएस-कांग्रेस एवं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच बेहद नाजुक है. गठबंधन की राजनीति की मुश्किलों में अपनी नयी सरकार के घिरने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंत्रिमंडल विस्तार से नाखुश कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार को समझाने-बुझाने की पहल की लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे. कुमारस्वामी पहलेमंत्रियोंकेबीच विभागों का बंटवारा भी नहीं कर पा रहेथे और कैबिनेट गठन भी लंबी कवायद के बाद किया गया था.
कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 25 मई को विधानसभा में उन्होंने बहुमत साबित किया था. मुख्यमंत्री और कई प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने इन विधायकों से मुलाकात की लेकिन फिलहाल वे पीछे हटने की मूड में नहीं जान पड़ते हैं. उसके बाद कुमारस्वामी ने कांग्रेस आलाकमान से तत्काल कदम उठाने एवं स्थिति का समाधान करने का आह्वान किया है.
नाराज कांग्रेस नेताओं से मिले थे कुमारस्वामी
गठबंधन को व्यवस्थित रखने का प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रमुख कांग्रेस नेता एमबी पाटिल से भेंट की जो बागी विधायकों के नेता केरूप में उभरे हैं. इस मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि वैसे तो यह मुद्दा सीधे उनसे जुड़ा नहीं है लेकिन वह सरकार के स्थायित्व के लिए कांग्रेस-जदएस गठबंधन के नेता के तौर विधायकों को समझाने -बुझाने गये थे. उन्होंने कहा,‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका संबंध मुझसे नहीं है क्योंकि ये कांग्रेस पार्टी के अंदर किये गये निर्णय हैं…….. मैंने उनका (पाटिल का) यह दर्द समझा है कि जरूरत के समय उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया लेकिन अब वह निराश महसूस करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनकी भावनाएं समझीं, मैं दिल्ली के (कांग्रेस नेताओं) से समाधान ढूंढने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं.’ कुमारस्वामी के इस दौरे से पहले उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर, मंत्री डीके शिवकुमार, केजे जार्ज और आरवी देशपांड ने पाटिल को समझाने बुझाने के लिए उनसे उनके निवास पर मुलाकात की थी. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पाटिल घटनाक्रम पर आलाकमान से चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी जायेंगे. एमटीबी नागराज, सतीश जारकिहोली, सुधाकर और रोशन बेग समेत असंतुष्ट नेताओं के एक समूह ने कल पाटिल के निवास पर बैठक की थी.
भाजपा ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, इस हाल पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है. गठबंधन में गतिरोध पर केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जदएस -कांग्रेस गठबंधन सरकार को ‘दिशाहीन एवं अस्थायी’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘जनता ने चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीटें दीं लेकिन जदएस और कांग्रेस पिछले दरवाजे से सत्ता पर काबिज हो गयी. यह बस अस्थायी सरकार है.’