Madras High Court में आधी रात को हुई सुनवाई, कार्ति चिदंबरम को मिली अग्रिम जमानत

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने शनिवार की देर रात को सुनवाई कर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी. विदेशी संपत्तियों का खुलासा नहीं करने के आरोप में काला धन कानून के तहत आयकर विभाग की ओर से कार्ति के खिलाफ जारी वारंट के सिलसिले में उन्हें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2018 8:46 PM

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने शनिवार की देर रात को सुनवाई कर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी. विदेशी संपत्तियों का खुलासा नहीं करने के आरोप में काला धन कानून के तहत आयकर विभाग की ओर से कार्ति के खिलाफ जारी वारंट के सिलसिले में उन्हें यह जमानत दी गयी.

न्यायालय ने आयकर विभाग को यह निर्देश भी दिया कि वह कार्ति के विदेश से लौटने तक उनके खिलाफ जारी वारंट को रोक कर रखे. कार्ति ने 28 जून को संबंधित आयकर अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए लिखित हलफनामा दिया. वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर कार्ति के वकील एआरएल सुंदरेश और सतीश परासरन ने देर रात मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी के आधिकारिक आवास का दरवाजा खटखटाया. बहरहाल, उन्हें निर्देश दिया गया कि वे याचिका लेकर उस न्यायाधीश के पास जायें जो अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हैं. न्यायमूर्ति एडी जगदीश चंद्रा की पीठ के समक्ष जमानत अर्जी दायर होने की सूचना दिये जाने पर आयकर विभाग के वकील एपी श्रीनिवास एक आयकर अधिकारी के साथ न्यायाधीश के आवास पर आये.

न्यायाधीश के आवास पर आधी रात को हुई सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने कहा कि कार्ति को तीन समन पहले ही जारी किये जा चुके हैं जिनमें उन्हें विभाग के सामने व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है. विभाग के वकील ने कहा कि चूंकि कार्ति बयान दर्ज कराने के लिए पेश नहीं हुए, इसलिए काला धन कानून की धारा 8 (1) के तहत विभाग की ओर से उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया. संबंधित आयकर अधिकारी के समक्ष कार्ति की मौजूदगी सुनिश्चित कराने के लिए शहर की पुलिस ने वारंट तामील कराया. इसलिए कार्ति ने अग्रिम जमानत के लिए आधी रात को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कार्ति की जमानत याचिका की एक प्रति आयकर विभाग के वकील और उनके साथ आए अधिकारी को दी गयी. इसके बाद, आयकर विभाग के वकील ने दलील दी कि 18 मई 2018 को उच्चतम न्यायालय की ओर से पहले ही विदेश जाने की अनुमति दी जा चुकी है. उन्होंने शीर्ष न्यायालय के समक्ष पहले ही हलफनामा दायर कर दिया था कि वह रविवार को विदेश जाना चाहेंगे.

शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला देते हुए कार्ति ने दलील दी कि उन्होंने अपनी बेटी और पत्नी के साथ विदेश जाने की तैयारियां कर ली थीं, लेकिन इसी बीच आयकर विभाग की ओर से वारंट जारी कर दिया गया. इस पर विभाग ने कहा कि वारंट इसलिए जारी किया गया, क्योंकि वह समन जारी किये जाने के बाद भी बयान दर्ज कराने के लिए पेश नहीं हुए. विभाग ने कहा कि यदि कार्ति तय तारीख को अपनी वापसी पर संबंधित अधिकारी के समक्ष हाजिर होने का हलफनामा देते हैं, तो वह वारंट को रोक कर रखेगा. इस पर कार्ति ने लिखित हलफनामा दिया कि वह 28 जून को आयकर अधिकारी के समक्ष पेश होंगे. इसे दर्ज करते हुए न्यायाधीश ने आयकर विभाग को वारंट रोक कर रखने का निर्देश दिया और उसे आदेश दिया कि वह संबंधित पुलिस थाने को इसकी सूचना दे दे. इसके बाद अदालत ने याचिका की सुनवाई बंद कर दी.

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