राजस्थान में खुलेगा देश का पहला ”दिव्यांग विश्वविद्यालय”, अगले सत्र से नामांकन संभव
जयपुर : राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि दिव्यांग विश्वविद्यालय को अगले सत्र से शुरू करवाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय शुरू करवाने के लिए नियम बन चुके हैं जो अनुमोदन के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश […]
जयपुर : राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि दिव्यांग विश्वविद्यालय को अगले सत्र से शुरू करवाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय शुरू करवाने के लिए नियम बन चुके हैं जो अनुमोदन के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश किये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए जामडोली में अस्थायी भवन लेने के प्रयास जारी हैं. गौरतलब है कि दिव्यांग विश्वविद्यालय यदि अगले सत्र में आरंभ होता है तो यह देश का प्रथम दिव्यांग विश्वविद्यालय होगा.
पिछले साल उत्तर प्रदेश में एक दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा था कि यह प्रसन्नता की बात है कि डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में सामान्य एवं दिव्यांग बच्चे साथ-साथ पढ़ते हैं. संवेदनशीलता के तहत प्रधानमंत्री ने दिव्यांग नाम देकर दिव्यांगों का सम्मान बढ़ाया है.
उन्होंने कहा था कि शिक्षा से नये भारत का निर्माण होगा. विश्वविद्यालय दिव्यांगों को सक्षम नागरिक बनाने का महती कार्य करे तथा उन्हें समर्थ बनाकर रोजगार उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने कहा था कि एक केंद्रीय दिव्यांग विश्वविद्यालय भी होना चाहिये तथा केंद्र सरकार ब्रेल प्रेस पर भी विचार करेगी.
साल 2016 में नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक 2016 पारित होने के बाद भी चर्चा थी कि देश का पहला दिव्यांग विश्वविद्यालय केरल में खोला जायेगा. नये विधेयक में कुछ अन्य लोगों को भी दिव्यांग की श्रेणी में रखा गया है. जिनमें तेजाब पीडि़त और पार्किंसन बीमारी से जूझ रहे लोग भी शामिल किये गये हैं.