नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में मंगलवारको पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से दूसरी बार पूछताछ की. चिदंबरम से पूछताछ छह घंटे चली. हालांकि, चिदंबरम ने एक बार फिर कहा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.
जांच अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम सुबह करीब 11 बजे निदेशालय के मुख्यालय पहुंचे और वह यहां से पांच बजे के बाद वापस निकले. इसके तत्काल बाद चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में एक और दौर की पूछताछ की. इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और न कोई अपराध किया है.’ अधिकारियों ने बताया कि जांच अधिकारी ने धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत चिदंबरम का बयान दर्ज किया. इससे पहले ईडी ने पांच जून को भी चिदंबरम से पूछताछ की थी. दिलचस्प यह है कि जिस समय चिदंबरम वित्त मंत्री थे, यह एजेंसी उनको ही जवाब देती थी.
समझा जाता है कि एजेंसी ने कांग्रेस नेता के समक्ष एयरसेल मैक्सिस सौदे पर नये सवाल रखे. उनसे इस मामले में लिये गये फैसले के बारे में भी सवाल किये गयेझ. पिछली बार एजेंसी ने चिदंबरम का विभिन्न पहलुओं पर छह घंटे तक बयान दर्ज किया था. ईडी ने जिस समय यह करार हुआ था उस समय के विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के अधिकारियों से भी पूछताछ की है. बताया जाता है कि चिदंबरम से इन अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर भी पूछताछ की गयी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति से भी प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में दो बार पूछताछ कर चुका है.
पिछली बार ईडी की पूछताछ के बाद पांच जून को चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था कि जांच एजेंसी को दिये गये सभी सवालों के जवाब सरकारी दस्तावेजों में मौजूद हैं. चिदंबरम ने यह भी कहा था कि बिना प्राथमिकी दर्ज किये ही उनके खिलाफ जांच जारी कर दी गयी है. चिदंबरम ने इससे पहले विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत में इस मामले में गिरफ्तारी से राहत की अपील की थी. अदालत के आदेशानुसार ईडी 10 जुलाई तक न तो चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है और ना ही कोई दबाव की कार्रवाई कर सकती है. एयरसेल-मैक्सिस मामला वर्ष 2006 में ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेस लिमिटेड को एयरसेल में निवेश करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से अनुमति दिलाये जाने से जुड़ा है.