नयी दिल्ली : प्रशासनिक समस्याओं से जुड़ी अपनी लड़ाई को उप-राज्यपाल के दफ्तर तक ले जाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के मंत्री कल शाम से लेकर अब तक वहां डटे हुए हैं. इस बीच, अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने की खातिर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की मांग है कि आईएएस अधिकारियों को ‘हड़ताल’ खत्म करने के निर्देश दिये जायें और ‘चार महीने’ से काम में रोड़े अटका रहे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. विपक्षी भाजपा और कांग्रेस की आलोचना के बीच केजरीवाल और उनकी कैबिनेट ने यह असाधारण कदम उठाया है.
बहरहाल, ‘आप’ ने कहा कि उसकी लड़ाई जारी रहेगी और अपनी मांगें पूरी होने तक वे झुकने वाले नहीं. पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन को एक कदम और आगे ले जाते हुए तय किया है कि उसके सारे विधायक कल उप-राज्यपाल दफ्तर तक मार्च करेंगे. मुख्यमंत्री केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन ने कल शाम 5:30 बजे उप-राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की थी और उसके बाद से उनके दफ्तर में वे डेरा डाले हुए हैं.
एलजी दफ्तर के एक कमरे में पूरी रात बिताने के बाद केजरीवाल ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया और कहा कि ‘आप’ के मंत्रियों के पास धरना देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया है, क्योंकि एलजी ‘कई अनुरोधों के बाद भी’ दिल्ली सरकार की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे. केजरीवाल ने एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा, ‘आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने से एलजी के इनकार और उनकी अभी चल रही हड़ताल को सही ठहराने से मैं तो हैरान हूं. पता नहीं पीएमओ ने उन्हें क्या-क्या निर्देश दे रखे हैं.’
दिल्ली के इतिहास में यह पहला मामला है जब मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए एलजी दफ्तर में रात गुजारी. एलजी दफ्तर में पूरी रात गुजारने के बाद सुबह में केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सत्येंद्र जैन ने बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है.’ जैन ने सुबह 11 बजे एलजी दफ्तर पर अपना अनशन शुरू किया. बहरहाल, एलजी आज अपने दफ्तर नहीं आये. सूत्रों ने बताया कि मधुमेह के शिकार केजरीवाल को कल रात धरना के दौरान इंसुलिन लेना पड़ा था और उनके लिए घर से कुछ खास किस्म का खाना लाया गया था.
केजरीवाल ने सुबह छह बजकर 27 मिनट पर ट्वीट किया, ‘मेरे प्यारे दिल्लीवासियों, सुप्रभात. संघर्ष जारी है.’ ‘आप’ के विधायकों, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी एलजी दफ्तर के पास डेरा डाल रखा है और पुलिस ने इलाके में घेराबंदी कर दी है. दूसरी ओर, दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) ने 2013 और 2015 में ध्यान भटकाया और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पूर्ण राज्य की मांग को लेकर वह फिर से वही कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है और केजरीवाल को उपराज्यपाल के कार्यालय पर धरना देने की बजाय इसमें हिस्सा लेना चाहिए. तिवारी ने ट्वीट किया, ‘लोकतंत्र का माखौल बनाते हुए, कोई काम नहीं, केवल ड्रामा.’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में मुख्यमंत्री की नयी फिल्म चल रही है. इसका शीर्षक है- चाहे कुछ कर लो, हम नहीं सुधरेंगे.’
भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और उनके सहयोगी अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल को प्रभावित करने के लिए ‘बांह मरोड़ने और धमकाने’ का काम कर रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा, ‘क्या यह कलियुग नहीं है कि दिल्ली विधानसभा में जिस मुख्यमंत्री की मौजूदगी महज 10 फीसदी है और जो अपने दफ्तर नहीं जाता है, वह आईएएस अधिकारियों द्वारा सहयोग नहीं करने की शिकायत कर रहा है.’
इससे पहले, एक वीडियो जारी कर केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के मंत्री धरना इसलिए दे रहे हैं, ताकि दिल्ली के लोगों के काम प्रभावित नहीं हों. ‘आप’ सरकार के अनुसार, अधिकारी मंत्रियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे और उनके फोन नहीं उठा रहे, जिसके कारण लोगों का काम प्रभावित हो रहा है. ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर पत्रकारों से कहा कि यह दिल्ली के लोगों के अधिकार की लड़ाई है.
सिंह ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी के इशारे पर एलजी ने दिल्ली सरकार के काम को ठप कर रखा है. अब हम चुप नहीं रहेंगे और अंत तक लड़ाई लड़ेंगे.’ ‘आप’ की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के आईएएस अधिकारियों ने हड़ताल कर रखी है, भले ही उन्होंने कल एक प्रेस रिलीज जारी कर इससे इनकार किया है. नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी काम को धीमा कर रहे हैं और मंत्रियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को एक दर्जन से ज्यादा कारण बताओ नोटिस और मेमो भेजे गये हैं, लेकिन हालात वैसे ही बने हुए हैं. वे अपनी हड़ताल के बारे में खुलकर स्वीकार करने से हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि उनकी नौकरियां चली जायेंगी. उन्होंने कहा कि नियम आईएएस अधिकारियों को हड़ताल करने की इजाजत नहीं देते. इस बीच, एलजी अनिल बैजल आज दफ्तर नहीं गये.
केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सदस्य एलजी के दफ्तर में कल शाम से ही डेरा डाले हुए हैं. सिसोदिया ने शाम 5:24 पर एक ट्वीट कर कहा, ‘एलजी साहब, मुख्यमंत्री और तीन मंत्री 24 घंटे से आपके वेटिंग रूम में आपका इंतजार कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि आप (हमारी मांगों पर) कुछ करेंगे. जबकि एक मंत्री भूख हड़ताल कर रहा है.’
उप-मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपकी कैसी मजबूरी है? क्या आप एक आदेश जारी कर आईएएस अधिकारियों को आदेश नहीं दे सकते कि वे दिल्ली के लोगों के लिए अपनी हड़ताल खत्म करें.’ बहरहाल, एलजी दफ्तर ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को चाय और नाश्ता दिया. बाहर से लाया गया खाना खाने की भी इजाजत दी गयी.