इस्लामाबाद/नयीदिल्ली : पाकिस्तान ने आज भारत पर युद्धविराम के उल्लंघन का आरोप लगा कर कार्यवाहक उप उच्चायुक्त को तलब किया,वहीं भारत ने स्पष्ट किया है कि युद्ध विराम द्विपक्षीय मामला है. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार से भारतीय सैनिकों द्वारा बिना किसी उकसावे के कथित संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप लगाया, उसके अनुसार, उसमें उसके एक आम नागरिक की मौत हो गयी. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि कार्यवाहक महानिदेशक (दक्षिण एशिया और सार्क) ने उप उच्चायुक्त को तलब किया और चिरिकोट सेक्टर में कल भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा ‘‘ बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन’ की निंदा की. पाकिस्तान ने आरोप लगाया गोलीबारी के करण त्रोठी गांव में एक आम नागरिक की मौत हो गयी. जबकि सच यह है कि पाकिस्तान की ओर से की गयी गोलीबारी में मंगलवार देर रात भारतीय सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी सहित चार जवान शहीद हो गये.
भारत की प्रतिक्रिया, गतिविधियां तेज
इधर, भारत में इस मुद्दे पर आज गतिविधियां तेज रही हैं. गृह सचिव राजीव गौबा ने आज मामले को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की और पूरे मामले पर विस्तृत चर्चा की. जम्मू फ्रंटियर के बीएसएफ के एडीजी कमलनाथ चौबे ने आज यहां मीडिया से कहा युद्धविराम हमेशा द्विपक्षीय निर्णय होता है, हमलोग हमेशा युद्धविराम की प्रमाणिकता को मेंटन करते हैं, पर पाकिस्तान की ओर से इसका उल्लंघन किया जाता है. उन्होंने हम हमेशा युद्धविराम होने या युद्धविराम नहीं होने की स्थिति के लिए तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि सीमा पर चौकसी में किसी तरह की ढीलाई नहीं बरती जाती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता को कायम रखने के लिए हर तरीके अपनाये जाते हैं.
Ceasefire is always a bilateral decision, we have always maintained the sanctity of ceasefire but Pakistan has violated it: Kamal Nath Choubey, ADG, BSF, Jammu Frontier pic.twitter.com/njPAp33Dl0
— ANI (@ANI) June 13, 2018
पाकिस्तान का झूठा आरोप
पाकिस्तान ने कहा, ‘‘भारतीय सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा और सीमा के पास लगातार सघन आबादी वाली बस्तियों को निशाना बनाया. ‘ पाकिस्तान ने कहा कि 2017 से ही बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम का उल्लंघन हो रहा है. विदेश कार्यालय ने कहा कि जानबूझकर असैन्य आबादी वाली बस्तियों को निशाना बनाना निंदनीय है और मानवीय गरिमा, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय कानूनों के प्रतिकूल है. विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. बयान में भारतीय पक्ष से 2003 के संघर्ष विराम समझौता व्यवस्था का सम्मान करने, इसकी और संघर्ष विराम उल्लंघन की अन्य घटनाओं की जांच कराने, भारतीय सुरक्षा बलों को संघर्षविराम का सम्मान करने, एलओसी और सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा गया है.