नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बात की. उन्होंने इस दौरान डिजिटल इंडिया के फायदे बताये. उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़ने वाले लोगों से वन-टू-वन बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि हमने डिजिटल इंडिया को आम लोगों को तकनीक का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए लांच किया, खासकर ग्रामीण इलाकों में. उन्होंने कहा कि आज हर उम्र के लोग तकनीक का लाभ ले रहे हैं. वे उसे अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. उन्होंने 70 साल के एक बुजुर्ग का उदाहरण देते हुए बताया कि वे आज गांव में उसका लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि रुपे कार्ड डिजिटल पेमेंट के दिशा में क्रांतिकारी कदम है. केवल भारत में ही नहीं विदेश में भी इसका उपयोग हो रहा है. हाल ही में मैंने सिंगापुर में रुपे कार्ड का उपयोग किया और कुछ समान खरीदा. जब हम अन्य कार्ड से लेनदेन करते हैं तो मुनाफा वह कंपनी लेती है, लेकिन रुपे कार्ड से खरीदारी करने पर वे पैसे हमारे देश में रहते हैं, देश के विकास में खर्च होते हैं.
पीएम ने कहा कि रुपे कार्ड की जब मैंने बात की तो लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब यह सफल है तो कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं, वे कहते हैं कि इसमें पैसे सुरक्षित नहीं है. वे बिचौलिये अपने फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं और उनकी बातों में न आएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया से देश का एक तबका जो पीछे छूट गया था उसे आगे बढ़ने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि पहले बीपीओ व आइटी इंडस्ट्री से छोटे शहरों व गांवों को लाभ नहीं हो रहे थे. उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों को सामान्य लाभ हो इसके लिए सरकार ने डिजिटल बीपीओ स्कीम शुरू की. इससे दो लाख नौकरियां का सृजन हुआ. इसके लिए कोष बनाया गया. आज जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम देश के अनेक राज्यों में नये-नये बीपीओ खुलते जा रहे हैं. युवा अपने गांव-घर के पास रह कर काम कर सकता है और मां-बाप ख्याल रखते हुए अपना काम कर सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना के एक बीपीओ में काम करने वाली खुशबू कुमारी से बात की. खुशबू कुमारी ने कहा कि पटना में बीपीओ होने के कारण वे अपने घर से निकट काम कर पा रही हैं. बीए फाइनल इयर की स्टूडेंट खुशबू ने बताया कि वे फतुहा की रहने वाली हैं और ट्रेन से पटना आती-जाती हैं. उन्होंने बताया कि उनके बीपीओ में हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी व मैथिली चार भाषाओं में बात करनी होती है और वे स्वयं अभी हिंदी व मैथिली में लोगों को हैंडिल कर लेती हैं.
प्रधानमंत्री से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के गिरिडीह के विवेकानंद ने भी बात की. उन्होंने बताया कि वे पिछले कुछ सालों से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं. विवेकानंद ने कहा कि माइ गाॅव सिटीजन कोसरकार से कनेक्ट करने का अच्छा माध्यम है. उन्होंने बताया कि यह मेरे पढ़ाई में भी उपयोगी है. विवेकानंद ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की प्रेरणा से योगा व मेडिटेशन ट्रेनर भी हैं. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यूं ही देश वासियों का आशीर्वाद उन पर बन रहे.
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