नयी दिल्ली : नीति आयोग ने कल जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है, स्थिति यह है कि लाखों लोगों की जिंदगी और उनके आजीविका पर संकट बना हुआ है. स्थिति यह है कि 600 मिलियन लोग गंभीर जलसंकट का सामना कर रहे हैं और 200,000 लोगों की प्रतिवर्ष शुद्ध जल के अभाव में मृत्यु हो जाती है. जल के उचित प्रबंधन और उपयोग के अभाव में जलसंकट अभी और गहरायेगा ऐसा नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है.
इसमें जल की स्थिति के आधार पर राज्यों को दो विशेष समूह….पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्य एवं अन्य राज्य…में बांटा गया है. रिपोर्ट के अनुसार जल प्रबंधन के मामले में झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब है. वर्ष 2015-16 के मुकाबले सुधार के मामले में सामान्य राज्यों में राजस्थान पहले स्थान पर रहा जबकि पूवोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा पहले स्थान पर है. नीति आयोग ने भविष्य में सालाना आधार पर रैंकिंग जारी करने का प्रस्ताव किया है. आधिकारिक बयान के अनुसार यह सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जल संसाधन के प्रभावी प्रबंधन के आकलन एवं सुधार का एक महत्वपूर्ण जरिया होगा. इसे जल संसाधन मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ तैयार किया गया है. यह सूचकांक राज्यों एवं संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों :विभागों को जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन के लिए उपयुक्त रणनीति बनाने एवं क्रियान्वयन के लिए उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा.