भुगतान में देरी करने पर बीमा कंपनियों को भरना पड़ सकता है जुर्माना

नयी दिल्ली : भारत सरकार ने उन बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है जो केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के तहत किए गए दावों में अस्पतालों को समय से भुगतान नहीं करती हैं . इस योजना के तहत अगर कोई बीमा कंपनी दावे का भुगतान अदा करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2018 1:21 PM

नयी दिल्ली : भारत सरकार ने उन बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है जो केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के तहत किए गए दावों में अस्पतालों को समय से भुगतान नहीं करती हैं . इस योजना के तहत अगर कोई बीमा कंपनी दावे का भुगतान अदा करने में 15 दिन से ज्यादा की देरी करती है तो उसे दावा राशि पर तब तक एक फीसदी ब्याज देना होगा जब तक वह पूरी तरह भुगतान अदा नहीं कर देती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को जारी एक दस्तावेज के अनुसार बीमा कंपनी सीधे संबंधित अस्पताल को जुर्माना राशि अदा करेगी. इस दस्तावेज में इस योजना के तहत कवर होने वाली राशि और प्रक्रिया की सूची है. अब तक 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एनएचपीएस लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू (ज्ञापन पत्र) पर हस्ताक्षर किए हैं.
इसका लक्ष्य कमजोर तबके के 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये तक का कवर मुहैया कराना है. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली , ओडिशा , पंजाब और पश्चिम बंगाल ने अब तक इस योजना को अपनाने पर कोई सरकारात्मक रुख नहीं दिखाया है. हालांकि , इन राज्यों में भी इस योजना को लागू करने पर बातचीत चल रही है. ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त को करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा था कि यह पहल दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थकेयर कार्यक्रम बन जाएगा क्योंकि दुनिया में आबादी के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है और यह कार्यक्रम भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदल देगा. केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित इस योजना का लक्ष्य गरीब , वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिकों के परिवारों की व्यवसायिक श्रेणी के लोगों को लाभ देना है.

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