मोदी मंत्रिमंडल में किसको मिलेगी जगह संशय बरकरार

नयी दिल्ली:काफी अरसे बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि केंद्र में बननेवाली नयी सरकार में कौन-कौन शामिल होंगे, इसे लेकर संशय बरकरार है. 26 मई को मोदी के प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने की तारीख नजदीक होने के बावजूद मंत्रियों के नामों को लेकर भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं को यह पता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2014 7:38 AM

नयी दिल्ली:काफी अरसे बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि केंद्र में बननेवाली नयी सरकार में कौन-कौन शामिल होंगे, इसे लेकर संशय बरकरार है. 26 मई को मोदी के प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने की तारीख नजदीक होने के बावजूद मंत्रियों के नामों को लेकर भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं को यह पता नहीं चल पाया है कि मोदी मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी, जबकि पहले पार्टी और सहयोगी दलों से कौन मंत्री बनेगा, इस बारे में पता चल जाता था. मंत्रिमंडल में कौन लोग शामिल होंगे और उन्हें कौन -सा विभाग दिया जायेगा, इसे लेकर रोज तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. लेकिन इस विषय में मोदी को छोड़ कर पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है. विभागों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. इससे पूर्व यूपीए के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार के दौरान भी मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया सार्वजनिक हो जाती थी.

मंत्री बनने के लिए भाजपा मुख्यालय के अलावा बड़े नेताओं के घरों पर भी बैठकों का दौर चलता था, लेकिन इस बार गुजरात भवन ही एक मात्र केंद्र है. संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर सिर्फ कयास ही लगाये जा रहे हैं. ऐसी खबरें आने के बाद कि मंत्रिमंडल का आकार छोटा होगा और इसमें विशेषज्ञों को भी शामिल किया जायेगा, भाजपा के कई नेताओं की चिंता बढ़ गयी है. एनडीए के सहयोगी दलों में भी इसे लेकर बेचैनी है. हालांकि सहयोगी दल के नेता मोदी से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालात में वे दबाव बनाने की स्थिति में नहीं हैं. पूर्व में सहयोगी दल ही प्रधानमंत्री को अपने कोटे से बननेवाले मंत्रियों के नामों की सिफारिश करते थे. उसे माना जाता था. यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार गठन के दौरान भी मंत्रियों के नामों की जानकारी शपथ ग्रहण से पहले ही सार्वजनिक हो जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है. गौरतलब है कि तीस साल बाद किसी पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिला है. भाजपा को अकेले 282 सीटें, जबकि एनडीए को 336 सीटें मिली है. एनडीए में मौजूदा समय में 29 दल शामिल हैं.

इनके नाम की चर्चा
मीडिया द्वारा जो कयास लगाये जा रहे हैं उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, अरुण जेटली और सुब्रमण्यम स्वामी के वित्त मंत्री बनने की चर्चा है. उसी प्रकार पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और शिवसेना नेता सुरेश प्रभु को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात सामने आ रही है. लेकिन भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद मोदी के मंत्रिमंडल में कौन मंत्री बनेगा, यह नरेंद्र मोदी ही तय करेंगे, क्योंकि यह चुनाव मोदी के नेतृत्व में ही लड़ा गया है. संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि मंत्री बनने के लिए कोई उनके पास लॉबिंग नहीं करे और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करें. फिलहाल मोदी गुजरात भवन में रूके हुए हैं. केवल पार्टी के शीर्ष नेता और वरिष्ठ अधिकारियों जिन्हें मोदी बुलाते हैं उन्हें हीं उनसे मिलने की इजाजत है.

मोदी की राह नहीं है आसान
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के नेता मोदी से मिलने गुजरात भवन गये, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें भवन के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी. मीडिया में मंत्रियों के संभावित नामों के बारे में हर चैनल अपने मुताबिक मंत्रिमंडल का गठन कर रहे हैं, लेकिन यह काम मोदी को करना है. इसका संकेत भी उन्होंने पहले ही दे दिया है, इसीलिए इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में कौन लोग मंत्री बनेंगे इसे लेकर अंतिम समय तक सस्पेंस बना रहने की संभावना है.

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