भाजपा की समर्थन वापसी से गिरी जम्मू कश्मीर की सरकार, महबूबा बोलीं – यहां ताकत की नीति नहीं चलेगी
महबूबा के प्रेस कान्फ्रेंस की बड़ी बातें हमने हमेशा कहा है कि जम्मू कश्मीर में बल प्रयोग की सुरक्षा नीति काम नहीं करेगी, सुलह-समझौता महत्वपूर्ण है. पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीर में संवाद और सुलह-समझौता के लिए प्रयासरत रहेंगे तथा भाजपा के साथ गठबंधन सत्ता के लिए नहीं था. महबूबा मुफ्ती […]
महबूबा के प्रेस कान्फ्रेंस की बड़ी बातें
हमने हमेशा कहा है कि जम्मू कश्मीर में बल प्रयोग की सुरक्षा नीति काम नहीं करेगी, सुलह-समझौता महत्वपूर्ण है.
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीर में संवाद और सुलह-समझौता के लिए प्रयासरत रहेंगे तथा भाजपा के साथ गठबंधन सत्ता के लिए नहीं था.
महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी को बहुत बड़ी पार्टी मान कर राज्य हित में गठबंधन किया था. उन्होंने कहा कि मैंने गवर्नर साहब को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा राज्य की इंटीग्रिटी, बेहतरी, पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते के लिए मैंने उनके साथ सरकार बनायी. उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में ताकत वाली नीति नहीं चल सकती है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी ओर से युद्ध विराम करा कर पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा कि वे किसी के साथ सरकार नहीं बनाएंगी. महबूबा ने इस दौरान बताया कि उन्होंने 11, 900 युवाओं पर से मामले वापस लिये.
#WATCH LIVE from Srinagar: Mehbooba Mufti addresses a Press Conference #JammuAndKashmir https://t.co/oHY3JLHHu2
— ANI (@ANI) June 19, 2018
नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे महबूबा मुफ्ती को समर्थन नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव हो. उन्होंने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए जनादेश नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि गवर्नर से उनकी इसी संबंध में बात हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य को हालात को सामान्य बनाने की दिशा में काम होना चाहिए.
I have told Governor that since no party has the mandate to form government, he will have to impose Governor rule in the state: Omar Abdullah, National Conference on BJP called off alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/Tln9psdQC1
— ANI (@ANI) June 19, 2018
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल केंद्र सरकार ने बढ़ा दिया है. वोहरा का इसी माह 25 जून को खत्म होने वाला था.
नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल एनएन बोहरा से मुलाकात की. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे महबूबा मुफ्ती को समर्थन देंगे या खुद सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं व नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 विधायक हैं.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हालांकि इस संबंध में शाम पांच बजे पीडीपी अपना विस्तृत पक्ष रखेगी.
We will talk in detail at 5pm, meanwhile she (Mehbooba Mufti) has submitted her resignation (as J&K CM) to the Governor: Naeem Akhtar, PDP pic.twitter.com/w8vNI6XeRw
— ANI (@ANI) June 19, 2018
पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहाहै कि हमने बीजेपी के साथ सरकार चलाने के लिए अपना सबसे अच्छा प्रयास किया, उसके बावजूद यह हुआ. यह हमारे लिए आश्चर्यजनक है क्योंकि इस संबंध में उनकीओर से हमें कोई संकेत नहीं मिला था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि इनके शासन के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा हुई, युद्ध विराम का उल्लंघन हुआ, उसके बाद भाजपा पीडीपी से अलग होकर सारा दोष उनके सिर मढ़ कर अपनी जिम्मेवारियाें से बच नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि तीन साल की तबाही व बर्बादी के बाद अब जम्मू कश्मीर के लोग बच गये.
पीडीपी ने आगे के राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक बुलायी है.
कुछ मीडियारिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी की समर्थन वापसी के बाद मुख्यमंत्री महबूबा ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इसका आधिकारिक एलाननहीं हुआ है.
नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गंठबंधन खत्म हो गया. भाजपा महासचिव राम माधव ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इसका एलान किया. यह निर्णय जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम केंद्र द्वारा वापस लिये जाने के फैसले के बाद लिया गया है. रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संघर्ष विराम का फैसला वापस लिया था, जिससे पीडीपी नाराज थी और दोनों पार्टियों में दरार पड़ गयी थी. अमितशाह से आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सुबहभेंट की थी, जिसके बाद शाह नेजम्मू कश्मीरके भाजपा कोटे के मंत्रियोंव प्रमुख नेताओं से चर्चा की.
#WATCH BJP addresses the media in Delhi https://t.co/6QF3wL2Xdz
— ANI (@ANI) June 19, 2018
राम माधव ने कहा कि हमने तीन साल पहले विखंडित जनादेश मिलने के कारण जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार बनायी थी. लेकिन, इस दौरानराज्य में आतंकवाद बढ़ गया. एक मूर्धन्य पत्रकार शुजातबुखारी की हत्या की गयी, इससे प्रेस की स्वतंत्रता भी खतरे में आ गयी.
प्रभात खबर डॉट कॉम ने सुबह ही बीजेपी-पीडीपी के रिश्तों में दरार की खबर दी थी :
संघर्ष विराम वापसी से पीडीपी-बीजेपी के रिश्तों में दरार, अमित शाह से मिले एनएसए डोभाल
भाजपा-पीडीपी गठबंधन समाप्त होने के बाद अब क्या होगा जम्मू-कश्मीर में?
राम माधव ने कहा कि सरकार चलाने के दौरान हमें अनुभव हुआ कि जम्मू एवं लद्दाख के लिए पर्याप्त काम नहीं हो पा रहे हैं और दोनों क्षेत्र की जनता को उपेक्षा झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि वहां हमारी अकेले की सरकार नहीं थी फिर भी हमारे मंत्रियों ने भरपूर प्रयास किया.
उन्होंने मांग की कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये और स्थिति सुधारने का प्रयास हो.
राम माधव ने कहा कि युद्ध विराम हमारी मजबूरी नहीं थी, लेकिन मुसलिमों के पवित्र रमजान महीने को देखते हुए हमने बड़ा दिल दिखाया व युद्ध विराम किया.
राम माधव ने कहा कि तीन साल में सुरक्षा बलों ने 600 आतंकी मारे हैं. आतंक के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे और यह मजबूती से जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को ठीक करने के लिए गवर्नर शासन लगाया जाना चाहिए.
वहीं, जम्मू कश्मीर में भाजपा कोटे से डिप्टी सीएमरहे कवींद्र गुप्ता ने कहा कि हमने राष्ट्रहित में फैसला लिया है. उन्होंने कहा किहमने व हमारे मंत्रियों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दे दिया है.
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