भाजपा-पीडीपी गठबंधन समाप्त होने के बाद अब क्या होगा जम्मू-कश्मीर में?
आज दोपहर जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गंठबंधन समाप्त हो गया. इस बारे में भाजपा महासचिव राम माधव ने प्रेस कान्फ्रेंस कर घोषणा की. गौरतलब है कि रमजान के बाद जब सरकार ने जम्मू -कश्मीर में संघर्ष विराम का फैसला वापस लिया तो पीडीपी नाराज हो गयी थी और इस […]
आज दोपहर जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गंठबंधन समाप्त हो गया. इस बारे में भाजपा महासचिव राम माधव ने प्रेस कान्फ्रेंस कर घोषणा की. गौरतलब है कि रमजान के बाद जब सरकार ने जम्मू -कश्मीर में संघर्ष विराम का फैसला वापस लिया तो पीडीपी नाराज हो गयी थी और इस नाराजगी का परिणाम गठबंधन में टूट के रूप में सामने आया है. ऐसी सूचना भी मिली है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है, लेकिन सवाल यह है कि अब क्या होगा जम्मू-कश्मीर में?
किसकी बन सकती है सरकार
जम्मू-कश्मीर में कुल 87 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 44 का है. अभी विधानसभा में पीडीपी के 28, भाजपा के 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15, कांग्रेस के 12,जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के दो, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक मोर्चा के एक और निर्दलीय तीन विधायक हैं. भाजपा द्वारा साथ छोड़े जाने के बाद अगर पीडीपी कांग्रेस के साथ जाना चाहे तो कुल होंगे 28 और 12 यानी 40. निर्दलीय 3 हैं और छोटी-छोटी पार्टियां साथ आ जायेंगी तो सहजता से सरकार बन सकती है.
सरकार का दूसरा चेहरा यह हो सकता है कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ आ जाये, तो 28 जोड़ 15 यानी 43 हो जायेंगे निर्दलीय थोड़ी बहुत बारगेनिंग के साथ आ ही जायेंगे, ऐसे में यह भी सरकार का एक चेहरा हो सकता है. चूंकि भाजपा ने गवर्नर शासन की बात कर दी है, तो वह सरकार बनाने में अब रुचि नहीं लेने वाली है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा इस मुद्दे से लाभ लेना चाहेगी
लोकसभा चुनाव अगले साल होना है और अब एक साल से भी कम का समय बचा है. ऐसे में भाजपा इस मुद्दे से पूरे देश में लाभ उठाना चाहेगी, वह यह बतायेगी कि घाटी में उसने देश के लिए सत्ता मोह को छोड़ दिया.