11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महिलाओं के साथ बर्बरता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी : हाईकोर्ट

चेन्नई : परंपरा के नाम पर महिलाओं के साथ क्रूरता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी, उक्त बातें मद्रास हाईकोर्ट ने कही है. कोर्ट ने कहा ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है , भले ही उनका पालन लंबे समय से किया जाता रहा हो. न्यायमूर्ति एन […]

चेन्नई : परंपरा के नाम पर महिलाओं के साथ क्रूरता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी, उक्त बातें मद्रास हाईकोर्ट ने कही है. कोर्ट ने कहा ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है , भले ही उनका पालन लंबे समय से किया जाता रहा हो. न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कल कहा , ‘ किसी व्यक्ति पर किसी दस्तूर या अनुष्ठान में शामिल होने का दबाव बनाने का अधिकार किसी को भी नहीं है , ऐसी क्रिया जिसमें दर्द और परेशानी होती है और जो व्यक्ति के प्रति क्रूरता हो.

ऐसे कृत्यों को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता , चाहे उनका पालन लंबे समय से ही क्यों न किया जाता रहा हो.’ न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा रिवाज जिससे कि व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचती हो और जो अमानवीय हो , वह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि समाज तक यह संदेश जाना चाहिए कि दस्तूर और रिवाजों के नाम पर क्रूरता भरे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अदालतें इनसे कठोरता से निबटेंगी. मामला 12 फरवरी 2001 का है जब चार महिलाएं एक युवती को देर रात जबरन एक बांध पर ले गयी.

वहां उन्होंने उसके कपड़े उतारे , उसका मुंडन किया और गरम सुई से उसकी जीभ जला दी. उन्हें शक था कि महिला पर प्रेत का साया है. न्यायाधीश ने उक्त टिप्पणी धरमपुरी के प्रधान सत्र न्यायाधीश के जुलाई 2010 के आदेश में बदलाव करते हुए की. सत्र न्यायाधीश ने चारों महिलाओं को एक साल जेल की सजा सुनाई थी. उन्होंने आरोपी महिलाओं द्वारा पहले ही काटी गयी सजा की अवधि को देखते हुए और उनकी उम्र को देखते हुए उनकी सजा को बदल दिया. उन्होंने प्रत्येक महिला को आठ सप्ताह में 15-15 हजार रुपये का मुआवजा जमा करने को कहा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें