जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने एक नाबालिग को 21 सप्ताह का गर्भ गिराने की इजाजत दे दी है, गर्भपात की अनुमति के लिए लड़की की मां ने कोर्ट के सामने गुहार लगायी थी. न्यायमूर्ति पीएस भट्टी और संदीप मेहता की एक खंडपीठ ने नाबालिग की मां के द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया.
लड़की की मां ने अदालत के सामने गुहार लगायी थी कि या तो उन्हें गर्भपात की इजाजत दी जाये या फिर रेपस्टि को यह आदेश दिया जाये कि वह पीड़िता को 50 लाख रुपये का भुगतान करे.चूंकि गर्भावस्था 21 सप्ताह का था इसलिए प्राथमिकता के आधार पर इस याचिका पर सुनवाई की गयी. फैसला सुनाने से पहले न्यायालय ने लड़की की मेडिकल रिपोर्ट की मांग की थी.
लड़की के परिजनों का कहना है कि गोपाल नाम के शख्स ने उसका अपहरण किया था और उसके साथ बलात्कार भी किया था, जिसके कारण वह गर्भवती हो गयी थी. हेबियस कॉर्पस याचिका के अनुसार, वह 1 9 अप्रैल को अदालत में पेश की गई थी, लेकिन उसने अपने माता-पिता के साथ वापस जाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसे एक नाबालिग लड़कियों के आश्रय में भेज दिया गया था.
बाद में लड़की इस शर्त पर अपने माता-पिता के साथ जाने के लिए तैयार हुई कि वे उसपर किसी और से शादी करने या गर्भपात के लिए जबरदस्ती करेंगे. हालांकि पीड़िता की मां ने गर्भपात के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि यह बलात्कार का नतीजा है."