मध्यप्रदेश में गो रक्षा के लिए बनेगा ‘गो मंत्रालय’! शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट मंत्री ने की मांग

भोपाल : शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त अखिलेश्वरानंद की मांग यदि मान ली गयी, तो मध्यप्रदेश में जल्दी ही गायों की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन हो सकता है. इसे ‘गो मंत्रालय’ कहा जायेगा. गोरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे अखिलेश्वरानंद का कहना है कि इस मंत्रालय का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2018 12:38 PM

भोपाल : शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त अखिलेश्वरानंद की मांग यदि मान ली गयी, तो मध्यप्रदेश में जल्दी ही गायों की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन हो सकता है. इसे ‘गो मंत्रालय’ कहा जायेगा. गोरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे अखिलेश्वरानंद का कहना है कि इस मंत्रालय का गठन हो गया, तो इसका सीधा लाभ किसानों को होगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि गोसेवा के लिए यदि यह मंत्रालय बना दिया जाता है, तो उसके लिए धन जुटाने में कोई दिक्कत नहींआयेगी. कैबिनेट मंत्री के अनुसार, मुख्यमंत्री के मन में भी यह मंत्रालय बनाने का विचार है.

अखिलेश्वरानंद ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि मंत्रालय का गठन होगा और वह स्वयं इसका प्रभार संभालने के लिए तैयार हैं. अखिलेश्वरानंद का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वह खत लिख चुके हैं. व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी मंत्रालय के गठन का आग्रह करेंगे, ताकि गोरक्षा तथा गोसेवा को आगे बढ़ाया जा सके. यदि वह ऐसा करेंगे, तो अन्य राज्य भी इस कदम से प्रेरित होंगे.

उनका दावा है कि गोरक्षा और गोसेवा के मुद्दे पर सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष भी सकारात्मक है. यह अच्छी बात है. इसी मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष भी इसी तरह सकारात्मक रुख अपनाताहै, तो उन्हें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का विरोध करने का कोई कारणनजर नहीं आता. लेकिन, अगर दिग्विजय सिंह सकारात्मक सोच रखने वालों और गोसेवा करने वालों को पाखंडी और ढोंगी कहेंगे, तोवहउन्हें (दिग्गी राजा को) सबसे बड़ा ढोंगी, सबसे बड़ा कालनेमि और आपसे बड़ा कंस कहने से गुरेज नहीं करेंगे.

अखिलेश्वरानंद नेकहा कि किसानरहेशिवराज सिंह चौहानकी उनके (अखिलेश्वरानंद) जैसे लोग इस काम में मदद करेंगे. जनता का भी सीएम को इस काम में भरपूर समर्थन मिलेगा. ज्ञात हो कि अखिलेश्वरानंद जब गोरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष थे, यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि तीसरा विश्व युद्ध गाय के कारण ही होगा. मिथकों में इसके संदर्भ की बात कहते हुए उन्होंने कहा था कि वर्ष 1857 में आजादी की पहली लड़ाई गाय पर ही शुरू हुई थी.

Next Article

Exit mobile version