जम्मू कश्मीर : एक्शन में गवर्नर एनएन वोहरा, केंद्र ने भेजा नया अफसर, सेना-पुलिस भी खुश

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा राज्यपाल शासन लगाये जाने के साथ ही गवर्नर एनएन वोहरा एक्शन में आ गये हैं. उन्होंने आज दिन में राज्य के वरीय अधिकारियों व सुरक्षा बलों के अफसरों के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में राज्य के हालात के संबंध में उन्होंने अफसरों से जानकारी ली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2018 2:11 PM

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा राज्यपाल शासन लगाये जाने के साथ ही गवर्नर एनएन वोहरा एक्शन में आ गये हैं. उन्होंने आज दिन में राज्य के वरीय अधिकारियों व सुरक्षा बलों के अफसरों के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में राज्य के हालात के संबंध में उन्होंने अफसरों से जानकारी ली और उन्हें आवश्यक निर्देश दिये. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भरोसेमंद रहे छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू कश्मीर लाया गया है. मंगलवार शाम को कैबिनेट की नियुक्त समिति ने उनके तबादले को मंजूरी दी. वे 2002 से 2007 तक डॉ मनमोहन सिंह के निजी सचिव रहे हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वे गवर्नर के सलाहकार या फिर मुख्य सचिव के रूप में काम करेंगे.

जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने आज सचिवालय में राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू – कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने का आज आदेश दिया.’ राज्यपाल ने मुख्य सचिव बीबी व्यास से बात की और तय समय के भीतर पूरे किये जाने वाले कार्यों को सूचीबद्ध किया. प्रशासन का प्रभार लेने के लिए सचिवालय पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वोहरा ने सामान्य प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान राज्य प्रशासन के सुचारु संचालन के बारे में चर्चा की गयी.


1959 बैच के आइएएस अफसर रहे 82 वर्षीय वोहरा एकसख्त प्रशासक हैं और उन्होंने चौथी बार राज्य का शासन संभाला है. गवर्नर वोहरा केंद्र में गृह सचिव के पद से रिटायर हुए थे, इस कारण उन्हें आंतरिक सुरक्षा की व्यापक समझ है. उनकी यही विशेषता उन्हें केंद्र की कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों का भरोसमंद बनाती है.


उधर, राज्य में राज्यपाल शासन लगने के बादएककार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि हमने जम्मू कश्मीर में सिर्फ रमजान के लिए युद्ध विराम रोका था और उस दौरान जो कुछ वहां हुआ वह हमने देखा. उन्होंने कहा कि राज्य में गवर्नर रूल लगने से हमारे ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारा ऑपरेशन पूर्व की तरह ही चलेगा, हमें किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा कि आतंकवाद खत्म होने तक हमारा ऑपरेशन जारी रहेगा.

वहीं, जम्मू कश्मीर के डीजीपी एसपी वेद ने ऑपरेशन को पॉलिटिकल प्रेशर फ्री होने का संकेत देते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में ऑपरेशन में तेजी आएगी. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि गवर्नर रूल में काम करना आसान होगा. उन्होंने कहा कि हमारा ऑपरेशन जारी रहेगा, रमजान के दौरान इस पर रोक लगी थी. यह पहले भी चल रहा था और आने वाले दिनों में तेज होगा.

उल्लेखनीय है कि कल एक चौंकाने वाले कदम के तहत महबूबा मुफ्ती सरकार से भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और खुद उससे अलग हो गयी. इसके बाद मुख्यमंत्री पद से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया. समर्थन वापसी का ऐलान करते हुए भाजपा महसचिव राम माधव ने राज्य में आतंकी घटनाएं बढ़ने और जम्मू व लद्दाख की उपेक्षा का आरोप लगाया था, जबकि महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उन्होंने अमन-चैन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए सरकार बनायी थी और राज्य में बल प्रयोग की नीति नहीं चल सकती है.

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