बेंगलुरु : गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने कर्नाटक में बकरीद पर गाय की कुर्बानी देने की कथित टिप्पणी करने वाले मौलाना तनवीर पीरा हाशिम की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है. अख्तर ने ट्वीट किया कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब अल्पसंख्यकों की सांप्रदायिकता को नजरअंदाज करना या सहन करना नहीं है. इस गैर-जिम्मेदार और अपमानजनक मौलाना तनवीर हाशिम को बेंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश के लिए तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
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हाशिम ने यह टिप्पणी कुछ दिन पहले उत्तर कर्नाटक के विजयपुरा में रमजान के दौरान एक नमाज के बाद राज्य के मंत्री शिवानंद पाटिल की मौजूदगी में की थी. उनकी टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया था, क्योंकि कर्नाटक में गौ हत्या पर प्रतिबंध है. हाशिम विजयपुरा में हाशिम पीर दरगाह के प्रमुख हैं. हाशिम की विवादित टिप्पणी के बाद मंत्री ने चुप रहना ही बेहतर समझा.
Secularism doesn’t mean ignoring or tolerating minority communalism . This irresponsible and outrageous cleric Tanveer Hashim should immediately be arrested for trying to create communal tension in Bengaluru .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) June 19, 2018
हाशिम ने उर्दू में दिये अपने भाषण में कहा कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि दो महीने में बकरीद आने वाली है. गाय के नाम पर यह शैतान शरारत करेगा. मैं आपको (मंत्री को) पहले ही बता रहा हूं, ताकि गाय के साथ कोई और कुर्बानी ना हो. हाशिम की टिप्पणी की निंदा करते हुए भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि अख्तर ने प्रतिगामी टिप्पणी की. जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार को नींद से जागना चाहिए और मौलाना के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि मौलानाओं और अल्पसंख्यक लोगों की सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर सरकार का पक्षपाती रवैया है. प्रकाश ने जेडीएस-कांग्रेस सरकार के ‘दोहरे मापदंड’ पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि पार्टी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवराज पाटिल यतनाल और हाशिम के लिए अलग-अलग मापदंड क्यों होने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब सरकार यतनाल के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है, तो मौलाना के खिलाफ क्यों नहीं?