वायुसेना कर्मी की पत्नी से बलात्कार के जुर्म में दस साल की कैद

नयी दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने वायुसेना कर्मी की पत्नी से बलात्कार के बाद उसके गुप्तांगों पर खतरनाक ‘रसायन’ छिडकने वाले अपराधी को दस साल की बामशक्कत कैद की सजा सुनायी है. अभियुक्त नारायण की 40 वर्षीय पीडित के पति से मित्रता थी और उसने उसके ही घर में यह घृणित अपराध किया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2014 12:42 PM

नयी दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने वायुसेना कर्मी की पत्नी से बलात्कार के बाद उसके गुप्तांगों पर खतरनाक ‘रसायन’ छिडकने वाले अपराधी को दस साल की बामशक्कत कैद की सजा सुनायी है. अभियुक्त नारायण की 40 वर्षीय पीडित के पति से मित्रता थी और उसने उसके ही घर में यह घृणित अपराध किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम सी गुप्ता ने भल्सवा डेयरी निवासी पेशे से किसान नारायण को बलात्कार करने और विषाक्त या हानिकारक पदार्थ का इस्तेमाल करके महिला को जख्मी करने के जुर्म में दस साल की कैद की सजा सुनायी. अदालत ने इस मुजरिम पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया.

न्यायाधीश ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि पीडित ने अदालत में अपना बयान बदल कर उसके साथ बलात्कार होने के तथ्य को छिपाने का ‘व्यर्थ प्रयास’ किया.न्यायाधीश ने कहा कि महिला की गवाही के भरोसेमंद अंश को संयुक्त रुप से पढने और डीएनए रिपोर्ट से यह स्पष्ट रुप से संकेत मिलता है कि इस मामले में संसर्ग की गतिविधि हुयी थी और यह कोई दूसरा नहीं बल्कि नारायण ही था जिसने महिला की मर्जी के खिलाफ उसके साथ यौनाचार किया था. न्यायालय ने कहा कि पीडिता ने इसे छिपाने का व्यर्थ प्रयास किया. अभियोजन के अनुसार यह वारदात 10 सितंबर, 2012 की दोपहर में उस वक्त हुयी जब नारायण मोटरसाइकिल खरीदने के बहाने महिला के पति की अनुपस्थिति में उसके घर आया. महिला का पति मुंबई में तैनात था.

महिला जब उसके लिये पानी लायी तो नारायण ने उसका हाथ पकडने के बाद उसका बलात्कार किया और फिर उसके गुप्तांगों में कोई अंजान का रासायन डाल दिया जिसकी वजह से उसे दर्द तथा जलन का अनुभव हुआ. इस वजह से वह नजदीक के अस्पताल भी गयी थी. चार बच्चों की मां ने इस घटना की जानकारी डाक्टरों और फिर पुलिस अधिकारियों को दी. इसके बाद ही नारायण को गिरफ्तार किया गया था. इस महिला के दो बच्चे सेना में हैं.लेकिन महिला ने अदालत में अपना बयान यह कहते हुये बदल दिया कि नारायण उसके घर आया था लेकिन कुछ समय में ही वह चला गया था. उसके बाद उसे चक्कर आने लगे और वह सोने चली गयी. जब वह जगी तो उसे अपने गुप्तांगों में जलन महसूस की तो वह निकट के अस्पताल गयी. उसने कहा कि उसे नहीं पता कि पुलिस क्यों बुलायी गयी थी. मुकदमे की सुनवाई के दौरान नारायण ने कहा कि वह निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है.

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