नये घर में तरह-तरह के पक्षी करेंगे मनमोहन का स्वागत

नयी दिल्ली : मनमोहन सिंह कल जब मोतीलाल नेहरु प्लेस में अपने नये आवास में प्रवेश करेंगे तो वहां विभिन्न प्रजाति के पक्षी और जीव-जंतु उनका स्वागत करेंगे और इनमें वहां के सबसे पुराने बाशिंदे चमगादड भी शामिल हैं. लुटियन जोन के दिल में तीन एकड भूखंड में फैले 3, मोतीलाल नेहरु प्लेस बंगले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2014 1:22 PM

नयी दिल्ली : मनमोहन सिंह कल जब मोतीलाल नेहरु प्लेस में अपने नये आवास में प्रवेश करेंगे तो वहां विभिन्न प्रजाति के पक्षी और जीव-जंतु उनका स्वागत करेंगे और इनमें वहां के सबसे पुराने बाशिंदे चमगादड भी शामिल हैं. लुटियन जोन के दिल में तीन एकड भूखंड में फैले 3, मोतीलाल नेहरु प्लेस बंगले में पीपल, अजरुन, गूलर, जामुन, नीम, आम, मरोरफली, सेमल के 40 बडे बडे पेडों पर पक्षियों और इन स्तनपाई जीवों की करीब 60 प्रजातियों का ठिकाना है.निवर्तमान प्रधानमंत्री और उनके परिवार के लिए आवास तैयार करने में जुटे सीपीडब्लूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘विशाल टाइप-आठ बंगला परिसर में बहुत से चमगादड रहते हैं हालांकि इनकी कुल संख्या के बारे में जानकारी नहीं है ,लेकिन उनकी संख्या 200 से ज्यादा हो सकती है.’’ चमगादडों को बंगला परिसर के भीतर एक पेड से दूसरे पेड पर उडकर जाते और लटके हुए देखा जा सकता है.

दिल्ली के मुख्य वाइल्डलाइफ वार्डन ए के शुक्ला के मुताबिक, ‘‘लुटियन जोन में चमगादड हो सकते हैं क्योंकि उस क्षेत्र में कई पुराने वृक्ष हैं. हालांकि, चमगादडों की संख्या कितनी है इसके बारे में अब तक जानकारी नहीं है क्योंकि उनकी गिनती नहीं हुयी है.’’ यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रीय राजधानी में चमगादडों की गिनती की क्या कोई योजना है , उन्होंने कहा कि इस समय इस बारे में कोई आधिकारिक प्रस्ताव तो नहीं है लेकिन ‘कुछ एनजीओ को गिनती के लिए प्रोत्साहन दिया जा सकता है.’ इस बंगले में रहने वाले पक्षियों की कई प्रजातियों में कबूतर, मैना, कोयल, उल्लू, किंगफिशर और बुलबुल भी बंगले के वृक्षों पर अपना आशियाना बनाए हुए हैं. विशाल परिसर में कमल के फूलों से भरा एक छोटा सा तालाब भी है.

बंगले की मरम्मत के दौरान सीपीडब्लूडी ने इस बात की पूरी सावधानी बरती कि यहां की वनस्पति और जीव जंतुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो. इस बंगले में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी रह चुकी हैं. बंगले में स्कूली बच्चों के लिए एक संवाद कार्यक्रम में शमिल पर्यावरण विशेषज्ञ लीमा रोसलिंड ने बताया कि असल में दीक्षित ने अपने प्रवास के दौरान परिसर की पारिस्थितिकी को बरकरार रखने का भरसक प्रयास किया.

रोसलिंड ने ‘फ्लोरा एंड फौना एट 3, मोतीलाल नेहरु प्लेस’ नामक किताब भी लिखी है. उन्होंने कहा कि 3, मोतीलाल नेहरु प्लेस बंगले में वनस्पति और जीव जंतुओं की भरमार है. दीक्षित के जाने के बाद सीपीडब्लूडी ने बंगले की पूरी तरह से मरम्मत और नवीकरण किया है. मनमोहन सिंह से जुडे सभी सामान को प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 7, रेस कोर्स रोड से नये पते पर भेज दिया गया है. वह खुद 26 मई को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद 3, मोतीलाल नेहरु प्लेस बंगले में चले जाएंगे.

Next Article

Exit mobile version