नयी दिल्ली : कश्मीर में आतंकियों के खात्मे व वहां के युवाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने 4डी नीति बनायी है. इसके कार्यान्वयन के समन्वय की जिम्मेवारी गृह मंत्रालयपर है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीधे तौर पर इस मामले से जुड़े हुए हैं. 4डी यानी डिफेंड, डिस्ट्राय, डिफिट, डिनाइ. डिफेंट के तहत सुरक्षा बलों के कैंप की सुरक्षा कड़ी करते हुए उसे अभेद्य बनाना है, डिस्ट्राय के तहत आतंकियों को पूरी तरह से नष्ट करना है. वहीं, डिफिट के तहत अलगाववादी व पत्थरबाजी करने वाले के मंसूब को विफल करना है. डिनाई के तहत युवाओं को अलगाववाद गतिविधियों में शामिल होने से रोकना व उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश शामिल है.
गृह मंत्रालय में कश्मीर विभाग का काम देखने वाले अफसरों का कहना है कि 4डी सिर्फ एक जुमला भर नहीं है, बल्कि इसे कश्मीर में पूरी शिद्दत से लागू किया जाएगा. राज्य में गवर्नर रूल के अंदर पत्थरबाजों को सरकार कोई राहत देने के मूड में नहीं है. जिन 11 हजार युवाओं पर से पत्थरबाजी का केस महबूबा मुफ्ती सरकार ने वापस ले लिया था, उनके मामलों की फिर से समीक्षा की जा सकती है.
सेनाकी आेरसे इसी क्रम जम्मू कश्मीर में यूथ फेस्टीवल का आयोजन कर युवाओं को मुख्यधारा में लाने व सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इस बात के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है कि वे अलगावादियों व अतिवादियों की राह पर नहीं चलें. अलगावादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीर वाइज उमर फारुक आदि की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
वहीं, सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने कहा है कि कश्मीर में 200 से 250 आतंकी छिपे हुए हैं, जिनके खिलाफ ऑपरेशन चलाया जाएगा. उन्होंने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि एनएसजी के जवान कश्मीर आये हुए हैं और वे चिह्नित इलाकों में अपना ऑपरेशन चलायेंगे.