सोज के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम से कांग्रेस ने बनायी दूरी, जयराम रमेश हुए शामिल

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने कश्मीर पर विवादास्पद बयान देनेवाले अपने नेता सैफुद्दीन सोज की नयी पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम से सोमवार को दूरी बनायी तथा वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसमें शामिल नहीं हुए. किंतु, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसमें शिरकत की. इस कार्यक्रम में चिदंबरम को मुख्य अतिथि के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2018 9:13 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने कश्मीर पर विवादास्पद बयान देनेवाले अपने नेता सैफुद्दीन सोज की नयी पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम से सोमवार को दूरी बनायी तथा वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसमें शामिल नहीं हुए. किंतु, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसमें शिरकत की.

इस कार्यक्रम में चिदंबरम को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पुस्तक को लेकर खड़े हुए विवाद को देखते हुए यह राय बनी कि चिदंबरम को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए. यही कारण था कि पहले निमंत्रण स्वीकार करने के बावजूद चिदंबरम विमोचन समारोह में नहीं पहुंचे. सोज की पुस्तक ‘कश्मीर : गिलम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ को लेकर खड़े हुए विवाद को देखते हुए चिदंबरम ने भले ही इससे दूरी बना ली हो, लेकिन रमेश इसमें शामिल हुए. हालांकि, रमेश मंच पर नहीं, बल्कि दर्शकदीर्घा में बैठे. यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी इस पुस्तक को लेकर असहज है, तो फिर वह इसमें शामिल हुए, तो रमेश ने कोई जवाब नहीं दिया और वहां से चले गये.

दरअसल, हाल ही में सोज की इस पुस्तक के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है कि कश्मीर के लोग भारत या पाकिस्तान के साथ जाने की बजाय अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे. इस मीडिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोज पर अपनी किताब बेचने के लिए ‘सस्ते हथकंडे’ अपनाने का आरोप लगाया था. सुरजेवाला ने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, अभिन्न हिस्सा है और युग युगांतर तक अभिन्न हिस्सा रहेगा. किताब बेचने के लिए अगर कोई सस्ते हथकंडे अपनाता है, तो उससे यह सच नहीं बदला जायेगा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.’ सोज की पुस्तक के विमोचन समारोह में रमेश अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर शामिल हुए.

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