नयी दिल्ली : आपातकाल लागू किये जाने की 43 वीं बरसी पर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को ‘हमारे संवैधानिक आदर्शों पर सीधा हमला’ करार दिया, जबकि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से कर डाली.
इस बीच, आपातकाल को ‘काला अध्याय’ करार देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उनका मंत्रालय इससे जुड़ी कुछ सामग्री को पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करेगा, ताकि नयी पीढ़ी इसके बारे में जागरूक हो. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए और अपने राजनीतिक हितों की खातिर लोकतंत्र की हत्या की थी और उसने उच्चतम न्यायालय को मूक दर्शक बना डाला था, संसद को प्रभावहीन कर दिया था और मीडिया को चुप करा दिया था. शाह ने कहा, ‘यह भारतीय लोकतंत्र में काला दिन है.’ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक ब्लॉग में लिखा कि 1975 में लागू किया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा धब्बा था. उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में इस पर एक अध्याय शामिल किया जाना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी को उस वक्त ढाये गये जुल्मों के बारे में शिक्षित किया जा सके.
मोदी ने आपातकाल पर जेटली की ओर से लिखे गये दो पोस्ट ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘श्री अरुण जेटली ने आपातकाल के काले दिनों, लोगों की आजादी को कुचले जाने, ढाये गये जुल्मों और यह हमारे संवैधानिक आदर्शों पर किस तरह सीधा हमला था, इस पर लिखा है.’ प्रधानमंत्री मोदी मंगलवारको मुंबई में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करनेवाले हैं जहां वह उन लोगों के प्रति आभार प्रकट कर सकते हैं जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाये रखने का जतन किया था. जेटली ने आपातकाल पर सोमवार को दूसरा आलेख लिखा. जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच तुलना करते हुए जेटली ने कहा कि दोनों ने लोकतंत्र को तानाशाही में तब्दील कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि क्या इंदिरा गांधी का फैसला नाजी जर्मनी से प्रेरित था.
तीन भागवाले लेख ‘द इमरजेंसी रिविजिटेड’ के दूसरे भाग में जेटली ने कहा कि हिटलर के विपरीत इंदिरा गांधी ने एक कदम आगे बढ़कर भारत को ‘वंशवादी लोकतंत्र’ में तब्दील करने का प्रयास किया. अपने फेसबुक पोस्ट में मंत्री ने आश्चर्य जताते हुए सवाल किया कि आपातकाल की पटकथा नाजी जर्मनी में 1933 में जो कुछ भी हुआ क्या उससे प्रेरित थी. चार दशक से अधिक समय पहले 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल लगाया गया था. जेटली ने ‘द टिरैनी ऑफ इमरजेंसी’ उपशीर्षक से दूसरे भाग में लिखा है, ‘हिटलर और श्रीमती गांधी दोनों ने कभी भी संविधान को निष्प्रभावी नहीं किया. उन्होंने गणतांत्रिक संविधान का इस्तेमाल लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने में किया.’ उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे काम थे जो हिटलर ने नहीं किये, लेकिन इंदिरा गांधी ने किये.
जेटली ने कहा, ‘उन्होंने मीडिया में संसद की कार्यवाही के प्रकाशन पर रोक लगा दी. हिटलर के विपरीत, श्रीमती गांधी भारत को ‘वंशवादी लोकतंत्र’ में तब्दील करने की दिशा में आगे बढ़ीं.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘भारत और जर्मनी में प्रेस पर सेंसर लगाने के लिए कानून लगभग एक समान थे. प्रभावी रूप में आपके यहां एकदलीय लोकतंत्र था.’ आर्थिक कार्यक्रमों के संबंध में मंत्री ने हिटलर और इंदिरा गांधी के एजेंडा में समानता बतायी. जेटली ने कहा, ‘हिटलर ने 25 सूत्री आर्थिक कार्यक्रमों की घोषणा की थी. श्रीमती गांधी ने 20 सूत्री कार्यक्रमों की घोषणा की थी. इस अंतर को पाटने के लिए संजय (गांधी) ने अपने पांच सूत्री आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रम की घोषणा की. असहमति गुनाह हो गया और चाटुकारिता पैमाना बन गया.’
उन्होंने कहा कि हिटलर ने इस बात को सुनिश्चित रखा कि उसके कदम संविधान के दायरे के भीतर हों. जेटली ने कहा, ‘श्रीमती गांधी ने अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लगाया और अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकार निलंबित कर दिये और दावा किया कि देश में विपक्ष ने अव्यवस्था फैलाने की योजना बनायी थी.’ वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों को अवैध आदेशों का पालन नहीं करने को कहा जा रहा था और इसलिए देश के व्यापक हित में भारत को ‘अनुशासित लोकतंत्र’ बनाया जाना था. उन्होंने कहा कि हिटलर की तरह ही इंदिरा गांधी ने संसद के ज्यादातर विपक्षी सदस्यों को गिरफ्तार करवा लिया और इस प्रकार उनकी अनुपस्थिति में उपस्थित और मतदान करनेवाले सदस्यों का दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया और संविधान संशोधन के जरिये कई अप्रिय प्रावधानों को पारित करवा लिया.
जेटली ने कहा, ‘संविधान के 42 वें संशोधन के जरिए उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति को कमतर कर दिया गया. इस शक्ति को डॉ आंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान की आत्मा है. उन्होंने अनुच्छेद 368 में भी संशोधन किया ताकि संविधान संशोधन को न्यायिक पुनर्विलोकन के दायरे से बाहर किया जा सके.’ उन्होंने कहा कि एक नाजी नेता ने कहा था कि जर्मनी में एक ही सत्ता है और वह सत्ता फ्यूहरर (तानाशाह नेता हिटलर) है. जेटली ने कहा कि इसी तरह कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देवकांत बरूआ ने कहा था, ‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा (इंदिरा ही भारत है, भारत ही इंदिरा है).’
अपने ट्वीटों में शाह ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़नेवालों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि करीब 21 महीने के जुल्म के दौरान अनगिनत लोगों को सलाखों के पीछे डाला गया. भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में जावड़ेकर ने कहा, ‘हमारी पाठ्यपुस्तकों में आपातकाल पर कुछ अध्याय एवं टिप्पणियां हैं जिनकी समीक्षा की जायेगी और इस काले अध्याय एवं देश के लोकतंत्र पर हुए हमले को कुछ और किताबों में जगह दी जायेगी ताकि नयी पीढ़ी को इसके बारे में पता चल सके. हम निश्चित तौर पर इस दिशा में काम करेंगे.’