इमरजेंसी कांग्रेस के डीएनए में है, इंदिरा को बचाने के लिए इसे किया था लागू : रविशंकर प्रसाद

नयी दिल्ली :भारतीय जनता पार्टी इमरजेंसी के 43 साल पूरे होने पर आज कालादिवस मना रही है. इस मौके पर देशकेअलग-अलगहिस्से में भाजपा नेता प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनीबातकह रहे हैं. दिल्ली स्थितभाजपा मुख्यालयमें भाजपा प्रवक्ता व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर आज कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2018 1:37 PM

नयी दिल्ली :भारतीय जनता पार्टी इमरजेंसी के 43 साल पूरे होने पर आज कालादिवस मना रही है. इस मौके पर देशकेअलग-अलगहिस्से में भाजपा नेता प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनीबातकह रहे हैं. दिल्ली स्थितभाजपा मुख्यालयमें भाजपा प्रवक्ता व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर आज कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इमरजेंसी के लिए एक बार माफी जरूर मांगी है, लेकिन उसके डीएनए में इमरजेंसी शामिल है. उसका चाल, चरित्र और चेहरा इमरजेंसी से प्रभावित रहा है. उन्होंने इसके लिए संस्थाओं को कांग्रेस द्वारा दोषी ठहराये जाने का उदाहरण दिया.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो इसके लिए चुनाव आयोग और इवीएम को दोषी बताती है और जीत जाती है तो वह ठीक है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने खुद कह दिया कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन प्रधानमंत्री का चयन कैसे होता है यह देश जानता है. इसके नेताओं ने आर्मी पर हमला किया. केंद्रीय सतर्कता आयोग पर आरोप लगाये. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इन्होंने न्यायपालिका के साथ जो व्यवहार किया है, उससे भी यह बात प्रमाणित होती है. सुप्रीम कोर्ट में अगर कुछ मतभेद हैं, तो उसका वे समाधान करेंगे लेकिन ये उसका राजनीतिकरण करते हैं. प्रसाद ने जज के खिलाफ महाभियोग लाने की काेशिशों की आलोचना की. लोया केस पर फैसला आने के बाद उस पर बार-बार सवाल उठाते हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इमरजेंसी इंदिरा गांधी को बचाने के लिए लगायी गयी थी और इसकी तैयारी छह महीने पहले हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि जनवरी 1975 से 12 जून 1975 तक इमरजेंसी लगाने की तैयारीकी गयी. प्रसाद ने कहा कि इमरजेंसी लगाने का फैसला कैबिनेट करती है. लेकिन, 25 जून को इमरजेंसी के पेपर पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने पहले ही हस्ताक्षर कर दिया, जबकि कैबिनेट की बैठक 26 जून सुबह छह बजे हुई.

उन्होंने इस दौरान सरकार द्वारा प्रेस पर दबाव बनाने, उसकी आजादी छिनने का अारोप लगाया और कहा कि न सिर्फ नेताओं को बल्कि संपादकों व पत्रकारों को मीसा के तहत गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती थी. उन्होंने कहा कि मीसा के तहत गिरफ्तारी के लिए पहले आधार बताना पड़ता था, लेकिन वे ऐसे ही गिरफ्तार कर लेते थे, जो असंवैधानिक था. न वकील, न दलील न अपील और लोगों को सीधे गिरफ्तार कर लिया जाता था. उन्होंनेइंदिरागांधी के रवैये के प्रति तब के कांग्रेस केबड़ेनेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इमरजेंसी के खिलाफ पत्रकार कुलदीप नैयर व इंडियन एक्सप्रेस के मालिक रामनाथ गोयनका,केआर मल्कानी ने बड़ी लड़ाई लड़ी. प्रसाद ने कहा कि आज एनडीए सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वे स्वयं व अनंत कुमार इमरजेंसी के खिलाफ लड़ाई लड़ चुके लोग हैं. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के खिलाफ लड़ने वाले कुलदीप नैयर से उनके वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन वे उन्हें सैल्यूट करते हैं.

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