नयी दिल्ली : ‘‘गंगा बचाओ’’ अभियान चलाने वाली उमा भारती को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संसाधन मंत्रालय के साथ साथ, इस पवित्र नदी की सफाई के लिए विशेष तौर पर गठित एक मंत्रालय का जिम्मा सौंपा. मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय कहा था ‘‘मां गंगा ने मुङो बुलाया है.’’ प्रचार के दौरान उन्होंने इस नदी की सफाई का वादा किया था.
उमा भारती ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद खुद यह खुलासा किया कि उन्हें ये मंत्रालय दिए गए हैं. तेजतर्रार सन्यासिन उमा ने गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रभावी तथा शीघ्र कदम उठाने की मांग करते हुए लंबा आंदोलन चलाया. वह यह भी कहती रही हैं कि इस मुद्दे को राजनीति से उपर रखा जाना चाहिए.
एक अप्रत्याशित कदम के तौर पर उमा ने वर्ष 2011 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क किया, जब संप्रग सरकार केंद्र में थी. उमा ने सोनिया से गंगा की सफाई के लिए मदद मांगी थी. यह कदम अप्रत्याशित था क्योंकि राजनीति में उमा भारती गांधी परिवार की धुर आलोचक रही हैं.
जब नरेंद्र मोदी ने गंगा के तट पर बसे प्राचीन पवित्र शहर वाराणसी से चुनाव लडने का फैसला किया तो गंगा की सफाई का वादा भी उन्होंने किया. यह बात लोगों के दिलों को छू गई.
मोदी का वादा इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि गुजरात सरकार ने साबरमती नदी की सफाई के लिए जो काम किया, भाजपा ने उसके बारे में खासा प्रचार किया. लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा को शानदार जीत मिली और मोदी एक बार फिर वाराणसी गए जहां उन्होंने गंगा के किनारे पूजा तथा आरती की. और अब मोदी के साथ उमा भारती ने इस नदी की सफाई का जिम्मा लिया है. उमा को इस महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन का जिम्मा मिला है जो न सिर्फ उनके लिए आस्था से जुडा मामला है बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक वादा भी है.