नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएमआरसी कर्मियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है. वे वेतनमान में बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों को लेकर शुक्र-शनिवार की मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने वाले थे.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुई त्वरित सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या मेट्रो कर्मचारियों की प्रस्तावित कार्रवाई उचित या कानूनी प्रतीत नहीं होती.
अदालत ने एक पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि डीएमआरसी जनसुविधा के तहत रोजाना करीब 25 लाख दिल्ली निवासियों को सेवा मुहैया कराती है, जो मुख्यत: मध्य आय वर्ग के लोग हैं.
इसके लिए डीएमआरसी को पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया और समझौता प्रक्रिया अब भी जारी है. डीएमआरसी ने त्वरित याचिका दायर की, जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया.
उन्होंने इसे सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सांघी के पास भेज दिया. न्यायाधीश ने अपने पांच पन्ने के आदेश में कहा, मैं आवेदन की मांग के मुताबिक अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक हूं.
इसी मुताबिक प्रतिवादियों (कर्मचारियों) को 30 जून को या मामले में अगले आदेश तक हड़ताल पर जाने से रोका जाता है. अदालत ने महासचिव (कर्मचारी परिषद्) और डीएमआरसी कर्मचारी संघ को डीएमआरसी की याचिका पर छह जुलाई के लिए नोटिस जारी किया.
डीएमआरसी ने निर्देश देने की मांग की थी कि कर्मचारियों द्वारा 18 और 20 जून को दिये गये नोटिस के मुताबिक, उन्हें हड़ताल पर जाने से रोका जाये.
डीएमआरसी कर्मचारी संघ और डीएमआरसी कर्मचारी परिषद् द्वारा क्रमश: 14, 18 और 20 जून को दिये गये तीन नोटिस को अपने वकील कुणाल शर्मा के माध्यम से डीएमआरसी ने चुनौती दी. अदालत ने कहा कि अगर कर्मचारी हड़ताल पर गये, तो लोगों को काफी असुविधा होगी.