मंदसौर गैंगरेप पीड़िता बच्ची की हालत में सुधार, सीएम ने कहा, दोषी को फांसी हो

इंदौर :मध्य प्रदेश के मंदसौर में सामूहिक बलात्कार के दौरान वहशत की शिकार सात वर्षीय स्कूली छात्रा की स्थिति पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस घटना से मैं सदमे में हूं. हम सब यह चाहते है कि इस तरह का घृणित कृत्य करने वाले को फांसी की सजा हो. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2018 4:22 PM


इंदौर
:मध्य प्रदेश के मंदसौर में सामूहिक बलात्कार के दौरान वहशत की शिकार सात वर्षीय स्कूली छात्रा की स्थिति पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस घटना से मैं सदमे में हूं. हम सब यह चाहते है कि इस तरह का घृणित कृत्य करने वाले को फांसी की सजा हो. वह इंसान नहीं दानव है. इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी.

पीड़िता का इलाज इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में हो रहा है, सर्जरी के बाद उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है, एमवायएच के एक आला अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के एमवायएच में 27 जून की रात से भर्ती है. एमवायएच के अधीक्षक वीएस पाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘बच्ची की हालत खतरे से बाहर है.

उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है.’ उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की सेहत पर एमवायएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बराबर नजर रख रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर निजी क्षेत्र के दो बाल शल्य चिकित्सकों की सलाह भी ली जा रही है, ताकि बच्ची के इलाज में कोई कोर-कसर न रहे. एमवायएच अधीक्षक ने बताया, ‘हमने बच्ची को अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर दिया है. बच्ची पूरी तरह होश में है और अपने माता-पिता से बात भी कर रही है. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि बच्ची के माता-पिता ने उनके सामने मरीज को किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने की न तो कोई मांग रखी है, न ही एमवायएच प्रशासन उसे किसी अन्य अस्पताल में भेजने की फिलहाल कोई जरूरत महसूस कर रहा है.

पाल ने कहा, ‘बच्ची के माता-पिता एमवायएच में अपनी संतान के इलाज से संतुष्ट हैं.’ उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची के घाव भर रहे हैं और उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का समय लगेगा. एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि यौन हमलावरों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था. इसके साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचायी थी जिसे मेडिकल जुबान में ‘फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर’ कहते हैं. उन्होंने बताया कि यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिए उसकी अलग-अलग सर्जरी की गयी है. कॉलोस्टोमी के जरिये उसके मल विसर्जन के लिए अस्थायी तौर पर अलग रास्ता बनाया गया है, जबकि उसके दूसरे नाजुक अंग की भी शल्य चिकित्सा के जरिए मरम्मत की गयी है.

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