नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया
अगर कहीं देखा जाता है तो उसकी गिरफ्तारी संभव नयी दिल्ली : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. अरबपति कारोबारी के खिलाफ दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले में जांच चल रही है. रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा […]
अगर कहीं देखा जाता है तो उसकी गिरफ्तारी संभव
नयी दिल्ली : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. अरबपति कारोबारी के खिलाफ दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले में जांच चल रही है. रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा है कि अगर भगोड़ा व्यक्ति उनके देश में देखा जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए या हिरासत में ले लिया जाए. इसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी. आरसीएन में इंटरपोल ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा लगाए गए ‘धन शोधन आरोपों ‘ को सूचीबद्ध किया है.
Red Corner Notice issued against Nirav Modi by Interpol in connection with #PNBScamCase pic.twitter.com/pOeE09SCUy
— ANI (@ANI) July 2, 2018
देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सामने आने से कई हफ्ते पहले, जनवरी के पहले सप्ताह में नीरव मोदी ने अपनी पत्नी, भाई और मामा के साथ देश छोड़ दिया था. इन सभी के नाम आरोपियों के रूप में सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हैं. नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कारोबार और सेहत संबंधी कारणों और अन्य वजहों का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया. इसके बाद 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिए जारी डिफ्यूजन नोटिस के जरिए सीबीआइ ने नीरव मोदी का पता लगाने का प्रयास किया था लेकिन इससे भी खास सफलता नहीं मिली क्योंकि सीबीआइ के अनुरोध का जवाब केवल ब्रिटेन ने ही दिया.
सीबीआइ ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी प्रसारित कीगयी थी कि भारत सरकार नीरव का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा. सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, ‘‘विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी. नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गयी, यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है.’
उन्होंने बताया कि सीबीआइ के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा डिफ्यूजन नोटिस जारी किये जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहां नीरव के जाने की आशंका थी. एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया. एजेंसी ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे. इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएइ और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए.