बुराड़ी कांड: 11 पाइप, 11 ऐंगल, 11 खिड़कियां और 11 शव, आखिर क्या है 11 का राज ?
नयी दिल्ली : 11 पाइप, 11 ऐंगल, 11 खिड़कियां और घर में 11 लाशें… ”जी हां” यहां छिपा है बुराड़ी कांड का रहस्य. इस 11 की संख्या के फेर में संत नगर के घर में मिले शवों के पीछे ‘रहस्य और काले जादू’ का शक और गहराता चला जा रहा है. घर की छानबीन में […]
नयी दिल्ली : 11 पाइप, 11 ऐंगल, 11 खिड़कियां और घर में 11 लाशें… ”जी हां” यहां छिपा है बुराड़ी कांड का रहस्य. इस 11 की संख्या के फेर में संत नगर के घर में मिले शवों के पीछे ‘रहस्य और काले जादू’ का शक और गहराता चला जा रहा है. घर की छानबीन में एक के बाद एक, 11 से जुड़ी कई बातों का रहस्य खुलता जा रहा है, जिसने आसपास के लोगों को भी चौंका दिया. पुलिस भी ‘सामूहिक आत्महत्या’ को इसी 11 के फिगर से जोड़कर जांच कर रही है.
11 पाइप का राज ?
दरअसल, घर की दीवार पर प्लास्टिक के बड़े 11 पाइप लगे नजर आ रहे हैं जो अपर ग्राउंड फ्लोर की दीवार से बगल वाले खाली प्लॉट की तरफ निकले हैं. यदि ये दूरी पर होते, तो शायद लोग कयास न लगाते. लेकिन दो पाइप एक फुट की दूरी पर हैं, जबकि बाकी पाइप आसपास दिख रहे हैं. पाईपों में चार पाइप बिल्कुल सीधे थे और 7 पाइप हल्के मुड़े हुए हैं.
11 ऐंगल के रोशनदान का राज ?
जांच टीम को चौंकाने वाली बात यह भी रही कि घर के लोहे के गेट पर 11 ऐंगल का रोशनदान लगा मिला है. क्या यह महज संयोग ही है या फिर इसके तार 11 लोगों की मौत से जुड़े हो सकते हैं, फिलहाल पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है.
11 खिड़कियां, रेलिंग में भी 11 रॉड: आखिर क्यों ?
इसी प्रकार 11 की संख्या छत की रेलिंग में लगी लोहे की रॉड से भी जुड़ी हैं. इन सबको जांच टीम देख ही रही थी, तभी जानकारी मिली कि घर में 11 ही खिड़कियां हैं. ऊपरी मंजिल पर पिछले डेढ़ साल से चल रहे कंस्ट्रक्शन में भी 11 का फिगर नजर आ रहा है. अब घर में रहस्मयय हालात में 11 मौतों का क्या इस 11 से कोई कनेक्शन है, इस सवाल को सुलझाने में पुलिस लगी हुई है. पुलिस जांच कर रही है कि यह महज इत्तेफाक है या किसी तांत्रिक क्रिया का हिस्सा.
स्वयंभू बाबा की तलाश
बुराड़ी में रहस्यमय मौत मामले में एक और खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक परिवार एक स्वयंभू बाबा को मानता था. पुलिस इस मामले में एक बाबा जानेगदी को तलाश कर रही है. पुलिस को मृतकों के मोबाइल फोन से बाबा का क्लू मिला है और उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है. मृतकों के कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं. पुलिस की एक थ्योरी के मुताबिक शायद किसी तांत्रिक ने ही परिवार को आत्महत्या के लिए उकसाया है.
रस्सी किसने निकाली, जांच कर रहे : पुलिस
बुराड़ी में मृत पाये गये लोगों में संघर्ष के कोई संकेत नहीं मिले हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन सभी की मौत फांसी पर लटकने के कारण हुई. अधिकारी के मुताबिक दो बच्चों और बुजुर्ग महिला नारायण देवी समेत आठ लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है और अब तक पुलिस को गला घोंटे जाने या हाथापाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं. पुलिस ने बताया कि दस लोग लोहे के जाल में फांसी से लटके थे जबकि 77 वर्षीय महिला घर के एक अन्य कमरे में मृत मिली थीं. पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि नारायण देवी की मौत गला घोंटे जाने से हुई है लेकिन चिकित्सकों का कहना है उनकी मौत भी फांसी लगने के कारण ही हुई है क्योंकि रस्सी उनके शव के निकट लटकी हुई पायी गयी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब यह जांच का विषय है कि उनके गले से रस्सी को निकाला किसने होगा.
हाथ से लिख कर पूरी योजना बनायी, मोक्ष का मार्ग बताया
खुदकुशी के स्थल से मिले हाथ से लिखे नोट्स पर पुलिस को संदेह है कि यह मामला सोच-समझकर की गयी आत्महत्या का है जो किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए की गयी है. पुलिस के मुताबिक नोट्स पर लिखा है कि ‘कोई मरेगा नहीं’ बल्कि कुछ ‘महान’ हासिल कर लेगा. जिस घर से शव मिले हैं वहां से एक एक रजिस्टर भी मिला है जिसमें मोक्ष प्राप्ति का रास्ता बताया गया है. रजिस्टर में लिखा है, ‘पट्टियां अच्छे से बंधनी चाहिए, शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए. रस्सी के साथ सूती चुन्नियों या साड़ी का प्रयोग करना है. सात दिन बाद पूजा लगातार करनी है, थोड़ी लगन और श्रद्धा से. कोई घर में आ जाये, तो अगले दिन गुरुवार या रविवार को चुनिये. रात 12 से एक बीच क्रिया करनी है, इससे पहले हवन करना है. बेब्बे खड़ी नहीं हो सकतीं, तो अलग कमरे में लेट सकती हैं. सबकी सोच एक जैसी होनी चाहिए. पहले से दृढ़ता के साथ, ये करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से शुरू हो जायेंगे. मद्धम रोशनी रखनी है. हाथों की पट्टियां बच जायें, तो उन्हें आंखों पर डबल कर लेना. मंुह की पट्टी को भी रूमाल से डबल कर लेना. जितनी दृढ़ता और श्रद्धा दिखाओगे उतना ही उचित फल मिलेगा.’ फांसी से लटके मिले लोगों के चेहरे पर टेप लगे थे और उनके चेहरे जिन कपड़ों के टुकड़ों से ढके हुए थे वह एक ही चादर में से काटे गये थे. बुजुर्ग महिला का चेहरा ढका नहीं था.