नयी दिल्ली:केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद देश के दो शीर्ष कानून अधिकारियों अटार्नी जनरल गुलाम एस्साजी वहानवती और सोलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने मंगलवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. चूंकि कानून अधिकारियों का पद सरकार के अनुसार होता है इसलिए उन्होंने परंपरा के अनुसार सरकार बदलने पर अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया.
सरकार के सूत्रों ने बताया कि उनके त्यागपत्र संबंधी दस्तावेजों पर काम किये जाने तक सरकार नये कानून अधिकारियों की नियुक्ति कर देगी. विधि अधिकारी एजी, एसजी और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल विभिन्न अदालतों में सरकार की पैरवी करते हैं और पेचीदा मसलों पर कानूनी सलाह देते हैं. इन रिक्तियों को भरने के लिए सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं किये जाने के कारण ऐसी अटकलें हैं कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी अटॉर्नी जनरल पद के लिए दौड़ में हैं. रंजीत कुमार सोलिसिटर जनरल के पद के प्रमुख दावेदारों में हो सकते हैं. वहानवती को यूपीए सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर जून 2009 में एजी नियुक्त किया था. वह यूपीए 1 के दौरान पांच साल तक सोलिसिटर जनरल रहे थे.
मई 2012 में वहानवती को फिर से वर्ष 2014 तक के लिए एजी नियुक्त कर दिया गया. वह देश के शीर्ष कानून अधिकारी बननेवाले पहले मुसलिम हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिन्टन नरीमन के पद से इस्तीफा देने के बाद पिछले वर्ष फरवरी में अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मोहन परासरन को पदोन्नत कर सोलिसिटर जनरल बनाया गया था. परासरन उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और पूर्व अटार्नी जनरल के परासरन के पुत्र हैं. उन्हें पहली यूपीए सरकार ने जुलाई 2004 में एएसजी नियुक्त किया था.