चुनावी साल में मोदी कैबिनेट का किसानों को खरीफ फसल पर डेढ़ा गुणा एमएसपी का तोहफा

नयी दिल्ली : चुनावी साल में प्रवेश कर चुकी नरेंद्र माेदी सरकार ने आज किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया. मोदी कैबिनेट ने आज धान का समर्थन मूल्य 150 प्रतिशत करने का निर्णय लिया. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2018 2:05 PM

नयी दिल्ली : चुनावी साल में प्रवेश कर चुकी नरेंद्र माेदी सरकार ने आज किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया. मोदी कैबिनेट ने आज धान का समर्थन मूल्य 150 प्रतिशत करने का निर्णय लिया. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. इस वृद्धि से खरीफ फसल के रूप में धान की खेती करने वाले देश भर के करोड़ों किसानों को बड़ा लाभ होगा. सरकार के इस फैसले से खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा.

कैबिनेट फैसलों की जानकारी देने मीडिया के सामने आये गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि किसानों में लिया गया ऐतिहासिक फैसला है और इससे खजाने पर 15 हजार करोड़ का हर साल बोझ पड़ेगा. राजनाथ ने मीडिया के उन सवालों को खारिज किया कि एमएसपी में वृद्धि से अनाज महंगे हो जाएगा और महंगाई बढ़ेगी.

नरेंद्रमोदीकीअध्यक्षता में आज कैबिनेट ने अगले साल होने वाले चुनाव से नौ महीने पहले अपने सवा चार साल पुराने चुनावी वादे को पूरा कर दिया. भाजपा ने 2014 के चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह सत्ता में आने पर किसानों को डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देंगे. सरकार ने इस साल अपने बजट में भी इसकी घोषणा की थी.


धान की एमएसपी में वृद्धि


फैसले के मुताबिक धान (सामान्य ग्रेड किस्म) का एमएसपी 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये कर दिया गया है, जबकि ग्रेड – ए किस्म के धान का एमएसपी जून 2019 के फसल वर्ष के लिए 180 रुपये बढ़कर 1,770 रुपये कर दिया गया है. यह एमएसपी धान की 1,166 रुपये प्रति क्विंटल की उत्पादन लागत मानकर तय किया गया है. धान के एमएसपी में यह सबसे बड़ी एकमुश्त बढ़ोतरी है. यह वर्ष 2012-13 के फसल वर्ष में पिछली संप्रग सरकार के 170 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा से कहीं अधिक है. पिछले चार वर्षों में, राजग सरकार ने सालाना 50 से 80 रुपये प्रति क्विंटल के बीच धान का एमएसपी बढ़ाया है. वर्ष 2018-19 के खरीफ फसलों के लिए एमएसपी को पिछले साल की तुलना में 3.7 प्रतिशत बढ़ाकर 52.47 प्रतिशत किया गया है. इस वृद्धि के साथ, अब सभी 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उनकी उत्पादन लागत से 50 से 97 प्रतिशत अधिक हो गया है.

कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी ने कहा कि सरकार के इस कदम से 2018-19 के बजट में 1.70 लाख करोड़ रुपये के खाद्य सब्सिडी खर्च के बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये होने से मुद्रास्फीति बढ़ेगी और राजकोषीय घाटे में भी वृद्धि होगी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहाहैकि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. किसान सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता हैं. देश की आजादी के बाद, किसानों को उनके उत्पादन के लिए सही कीमत नहीं मिली थी.

किसान निराशा में थे और उनकी दुर्दशा को प्रधानमंत्री ने संबोधित किया है. एमएसपी में यह वृद्धि-भाजपा शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ वर्ष 2019 के आम चुनावों से ठीक पहले कीगयीथी. राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस फैसले का उद्देश्य वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करना है.

” कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक , अकेले धान के एमएसपी में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप राजकोष को 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा क्योंकि सरकार राशन की दुकानों के माध्यम से किसानों से आपूर्ति के लिए धान खरीदती है. आधिकारी ने बताया कि शेष 3,000 करोड़ रुपये उस स्थिति के लिए प्रदान किये गये हैं कि जब शेष फसलों की बाजार कीमतें एमएसपी के नीचे जायें तो उनकी खरीद सुनिश्चित की जा सके.

अन्य फसलों की नयी एमएसपी


दालों में से मूंग के एमएसपी को 1,400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,975 रुपये , तुअर के एमएसपी को 225 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,675 रुपये और उड़द के एमएसपी को 200 रुपये बढ़ाकर 5,600 रुपये किया गया है. मोटे अनाजों में से रागी का एमएसपी 997 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,897 रुपये किया गया है, जबकि बाजरा की कीमत 525 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,950 रुपये और मक्का 275 प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,700 रुपये किया गया है. इस वर्ष के लिए ज्वार (हाइब्रिड) का एमएसपी 730 रुपये क्विंटल बढ़ाकर 2,340 रुपये किया गया है, जबकि मालदीनी किस्म की कीमत 725 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,450 रुपये किया गया है. तिलहनों में, सोयाबीन के एमएसपी को 349 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 3,399 रुपये, मूंगफली (खोल) के एमएसपी को 440 रुपये बढ़ाकर 4,890 रुपये, सूरजमुखी बीज का एमएसपी 1,288 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,388 रुपये, तिल का एमएसपी 949 रुपये बढ़ाकर 6,249 रुपये और नाइजर बीज का एमएसपी 1,827 रुपये बढ़ाकर 5,877 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. नकदी फसलों में, कपास (मध्यम रेशे वाला) के एमएसपी को फसल वर्ष 2017-18 के 4,020 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर इस वर्ष 5,150 रुपये क्विंटल किया गया है. जबकि लंबे रेशे के कपास के एमएसपी को वर्ष 2017 – 18 के 4,320 रुपये से बढ़ाकर 4,020 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. भाजपा ने वर्ष 2014 में किसानों को लागत का 1.5 गुना मूल्य देने का वादा किया था और इस साल एक फरवरी को सरकार के पांचवें और अंतिम वार्षिक बजट में वादे को प्रभावित करने की घोषणा कीगयीथी. इस निर्णय का स्वागत करते हुए खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, हमने वादा पूरा किया है. यह निर्णय अगले साल के आम चुनाव से संबंध नहीं रखता है … हम सुनिश्चित करेंगे कि हर अनाज नए एमएसपी की दरों पर खरीदा जाए. अनुमान है कि फसल वर्ष 2017 – 18 (जुलाई से जून) में 27. 95 करोड़ टन का रिकॉर्ड अनाज उत्पादन हुआ है जहां धान, गेहूं, मोटे अनाज और दलहनों का अब तक का सबसे अधिक उत्पादन हुआ है. सरकार द्वारा अधिक एमएसपी की घोषणा के साथ इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने के कारण खाद्यान्न उत्पादन और बढ़ सकता है.

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