LG-केजरी जंग पर SC के फैसले के बाद पुडुचेरी में बेदी-नारायणसामी के बीच छिड़ी जुबानी जंग
पुडुचेरी : दिल्ली में उपराज्यपाल और सरकार के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला पुडुचेरी पर भी लागू होने के मुद्दे पर यहां की उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है. पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला स्पष्ट करता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली […]
पुडुचेरी : दिल्ली में उपराज्यपाल और सरकार के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला पुडुचेरी पर भी लागू होने के मुद्दे पर यहां की उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है.
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला स्पष्ट करता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और दक्षिण का यह केंद्र शासित प्रदेश अलग अलग हैं. वहीं मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा था कि अदालत का फैसला पुडुचेरी पर लागू होता है.
किरण ने इस पहलू से संबंधित उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंश सोशल मीडिया पर डाला तो मुख्यमंत्री ने उन पर आरोप लगाया कि वह अधिकारियों और मीडिया को गलत जानकारी दे रही हैं. मुख्यमंत्री अपने इस रूख पर कायम रहे कि दिल्ली के उपराज्यपाल के अधिकारों पर आया यह आदेश पुडुचेरी पर भी लागू होता है.
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आदेश का अंश पोस्ट करते हुए ट्वीट किया , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार बनाम भारत सरकार एवं अन्य मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के ये शब्द हैं. माननीय उच्चतम न्यायालय ने दोनों (दिल्ली और पुडुचेरी) के बीच स्पष्ट भेद रखा है.
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किरण ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान सवालों के जवाब में आदेश के उस अंश को पढ़ा भी , लेकिन और कुछ नहीं कहा. नारायणसामी ने आनन – फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में उपराज्यपाल के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से दायर मामले में चुनी हुई सरकार और उप राज्यपाल के अधिकारों पर आया सर्वोच्च अदालत का फैसला पूरी तरह से पुडुचेरी पर भी लागू होता है.
पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार और उपराज्यपाल के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है. दरअसल , उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि पुडुचेरी की तुलना दिल्ली से नहीं की जा सकती है क्योंकि इसका शासन ऐसे प्रावधान से चलता है जो राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित प्रावधान से अलग है.
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इसने कहा था कि पुडुचेरी अनुच्छेद 239 ए के तहत कवर होती है जबकि दिल्ली 239 एए के तहत आती है. अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों को कम करते हुए पुडुचेरी का जिक्र किया था.