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-सरपंच सिद्धेश भगत ने खेती के लिए नेताओं को जागरूक करने की मुहिम छेड़ी
27 जून को भगत ने फेसबुक पर लिखा था कि किसानी एसी कमरों में बैठकर नहीं खेतों में जाकर ही समझ आ सकती है. मैंने किसानों से मिलकर उनकी कुछ समस्याओं पर बात की है और मैं ये समस्या कृषि मंत्री की टेबल तक ले जाऊंगा. मुझे उम्मीद है कि वो इस पर जरूर काम करेंगे.
गोवा के एक्वेम-बैक्सो ग्राम पंचायत के सरपंच सिद्धेश भगत ने खेती के बारे में राजनेताओं को जागरूक करने की मुहिम छेड़ी है. युवा सरपंच ने खेती को बढ़ावा देने और किसानों की समस्या समझने के लिए एक काबिले तारीफ तरीका निकाला है. उन्होंने इसके लिए कई नेताओं और मंत्री को फार्मिंग चैलेंज दिया है. राजस्व मंत्री रोहन खौंते और कांग्रेस विधायक एलेक्सो रेजिनाल्डो लॉरेन्को ने युवा सरपंच की चुनौती को स्वीकर करते हुए चैलेंज को पूरा किया और कहा कि एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर हम हरित क्रांति ला सकते हैं.
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सभी विधायकों, मंत्रियों और दूसरे अधिकारियों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में खेतों पर जाने की गुजारिश करता हूं. राजस्व मंत्री कहा कि सालों के बाद खेतों में दोबारा जाना काफी अच्छा लगा. मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं. इधर कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि गोवा के युवाओं को मकैनाइज्ड फार्मिंग (यांत्रिक खेती) के लिए प्रोत्साहित करना है.भगत चाहते हैं कि सरकार कृषि को बढ़ावा दें. सिद्धेश भगत के इस कृषि चुनौती को तमाम दलों के विधायकों ने स्वीकार किया है.
किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाया : भगत
मैंने किसानों से जुड़े हुए कुछ मुद्दों को उठाया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि वे मुद्दे कृषि मंत्री की टेबल पर रखे जायेंगे. मुझे भरोसा है कि असेंबली में इन समस्याओं को सुलझा लिये जायेंगे.
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किसानों को प्रति एकड़ 19 हजार पांच सौ रुपये की सहायता
कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने कृषि चुनौती को स्वीकार करते हुये कहा कि सरकार खेती में मशीन के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है. इस प्रोत्साहन के लिए किसानों को प्रति एकड़ 19 हजार पांच सौ रुपये की सहायता दी जा रही है.
फार्मिंग चैलेंज लायेगा क्रांति
सरपंच सिद्धेश भगत ने कहा कि दूसरे राज्यों में किसान न्याय के लिए अपने खेतों से संसद या विधानसभा का रुख करते हैं लेकिन गोवा में हम सब मिलकरअसेंबली को खेतों की तरफ मार्च करने के लिए मोड़ दें. उन्होंने कहा कि फार्मिंग चैलेंज एक क्रांति लायेगा.