केस आवंटन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, चीफ जस्टिस Master of Roster, उनके पास विशेषाधिकार
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि इस बात पर कोई मतभेद नहीं है कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर होते हैं और मामलों को विभिन्न पीठों को आवंटित करने का उनके पास अधिकार होता है. सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है और उनपर मामलों को आवंटित करने का […]
Hearing a petition filed by senior lawyer Shanti Bhushan in connection with the SC judge roster system, Supreme Court says there is no dispute that the CJI is the master of the roster and first among equals. SC refuses to interfere with the petition of Bhushan
— ANI (@ANI) July 6, 2018
चीफ जस्टिस सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश होने की वजह से , अदालत के प्रशासन का नेतृत्व करने का अधिकार रखते हैं जिसमें मामलों का आवंटन करना भी शामिल है. दो सदस्यीय बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि यह चीफ जस्टिस का विशेषाधिकार है कि वह केस किस बेंच को सौंपेंगे.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए के सिकरी ने कहा कि लोगों के दिमाग में न्यायपालिका के सम्मान का कम होना न्यायिक प्रणाली के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
जस्टिस सीकरी ने कहा कि चीफ जस्टिस सबसे वरिष्ठ होते हैं और वे न्यायपालिका के प्रवक्ता होते हैं. न्यायमूर्ति अशोक भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की अपनी परंपराएं हैं जिनका समय अनुसार परीक्षण होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी सिस्टम फुलप्रुफ नहीं होता है और बेहतरी के अवसर हमेशा मौजूद होते हैं.