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भाजपा के साथ-साथ ममता की तृणमूल कांग्रेस भी मनाने लगी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती

भाजपा की अाक्रामकता से घबरायी तृणमूल कांग्रेस लगातार पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति में बदलाव करती दिख रही है नयी दिल्ली/कोलकाता : भाजपा के पुराने संस्करण जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर आज भाजपा के विभिन्न नेताओं ने अपने-अपने तरीके से याद किया. ट्विटर पर हर छोटे-बड़े नेताओं द्वारा उनके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2018 2:47 PM

भाजपा की अाक्रामकता से घबरायी तृणमूल कांग्रेस लगातार पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति में बदलाव करती दिख रही है

नयी दिल्ली/कोलकाता : भाजपा के पुराने संस्करण जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर आज भाजपा के विभिन्न नेताओं ने अपने-अपने तरीके से याद किया. ट्विटर पर हर छोटे-बड़े नेताओं द्वारा उनके याद करने का सिलसिला लगा हुआ है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में उनकी प्रतिमा पर फूल-माला चढ़ाया व उन्हें नमन किया. वहीं, कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार के मंत्री व तृणमूल कांग्रेस नेता अरूप राय ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाये.

अरूप राय ने मीडिया से कहा कि हमारी सरकार उनका हर साल जन्मदिवस मनाती है. वे इस देश के एक अच्छे नागरिक थे. उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी के जीवित रहते भाजपा का गठन नहीं हुआ था. दरअसल, 1980 में भाजपा का गठन हुआ था. जबकि 23 जून 1953 में डॉ मुखर्जी का निधन हो गया था. डॉ मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी, जिसके सह संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देखमुश व अटल बिहारी वाजपेयी थे.

इमरजेंसी के दौर में जनता पार्टी के गठन के लिए जनसंघ सहित समाजवादी विचारधारा अन्य पार्टियों का विलय हुआ था, लेकिन बाद में मतभेद के कारण जनसंघ के लोगों ने फिर से अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली. इसलिए भाजपा को जनसंघ का नया संस्करण कहा जाता है.

भाजपा ने पश्चिम बंगाल में जब से चुनावी विजय के लिए पूरा जोर लगाया है, तब से तृणमूल की रणनीति में बदलाव दिखने लगा है. तृणमूल कांग्रेस ने अघोषित तरीके से इस बार रामनवमी उत्सव भी मनाया था, जिसका आयोजन भाजपा ने पूरे पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर किया था.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और भाजपा खुद को उनकी वैचारिक ऊर्जा से संचालित पार्टी बताती है. ऐसे में अब तृणमूल भी पश्चिम बंगाल के लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि वह अपने राज्य के इस महापुरुष का सम्मान करती है. पिछले महीने उनकी पुण्यतिथि पर भी तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी.

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