नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल के बीच अधिकारों की जंग और तेज होती नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर नौकरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अपना हक होने का दावा दिल्ली सरकार कर रही है.वहीं, उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने साफ कह दिया है कि ‘असली बॉस’ वह ही हैं. मामले के फिर सुप्रीम कोर्ट जाने के आसार नजर आ रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप-राज्यपाल के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
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यहां चर्चा कर दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से मुलाकात करने पहुंचे. दिल्ली में केजरीवाल के धरने के बाद हुई यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली. बैठक के बाद उप-राज्यपाल ने केजरीवाल को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अपना रुख बिल्कुल साफ कर दिया. उन्होंने केजरीवाल को लिखा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सलाह दी गयी है कि ‘सर्विस’ के सभी केस अपने पास ही रखें, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह साफ है कि इस मुद्दे पर रेग्युलर बेंच फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में गृह मंत्रालय द्वारा 21 मई 2015 को जारी किया गया नोटिफिकेशन अभी वैध होगा.
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मामले के फिर गरमाने के बाद केजरीवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा कि उप-राज्यपाल ने इस बात को स्वीकार करने से मना कर दिया है कि चुनी हुई दिल्ली सरकार को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार है. केजरीवाल ने इसे दिल्ली सरकार को पंगु बनाने की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि आप सरकार कानून के जानकारों के साथ इस मामले पर बातचीत करेगी कि वह उप-राज्यपाल के खिलाफ इस मुद्दे पर कोर्ट में जाएं या नहीं.
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इससे पहले केजरीवाल ने गुरुवार को कहा था कि यदि उप-राज्यपाल सर्विस से जुड़े मुद्दों पर कार्रवाई करते हैं तो यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी.