नयी दिल्ली : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक निकट सहयोगी ने बांग्लादेश जातीयवादी दल (बीएनपी) को ‘पाकिस्तान और चीन समर्थक’ बताते हुए भारत से शनिवार को आग्रह किया कि उसे वह अपनी सरजमीन से संचालित होने की इजाजत नहीं दे. हसीन के राजनीतिक सलाहकार हुसैन तौफीक इमाम ने यहां ‘भारत – बांग्लादेश : ऐतिहासिक एवं समकालीन परिप्रेक्ष्य’ पर एक आख्यान देते हुए यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी भारत के हितों के खिलाफ काम करती है.
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दिल्ली की कुछ बीएनपी नेताओं की हालिया यात्रा के बारे में एक सवाल पर इमाम ने कहा कि बीएनपी पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी समर्थक है. मैं नहीं समझता कि यहां या बांग्लादेश में कोई समझदार सरकार उन्हें कभी बरदाश्त करेगी. दोनों देशों को इस समस्या से मिल कर निबटना होगा. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से आयोजित इस आख्यान में इमाम ने कहा कि बीएनपी आज जमात-ए- इस्लामी का एक विस्तार है. इसे आपके देश से संचालित होने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं कुछ नेताओं को जानता हूं, जो भारत की यात्रा करते रहे हैं. अगर आज उनके रिकॉर्ड देखें, तो वे ना सिर्फ पाकिस्तान समर्थक हैं, बल्कि बेहद चीन समर्थक भी हैं और वे मिल कर भारत के हितों के खिलाफ काम करते हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि तीस्ता नदी जल बंटवारा संधि पर जल्द ही भारत और बांग्लादेश के बीच हस्ताक्षर हो जायेंगे. यह मुद्दा सरकारों के लिए अब कोई समस्या नहीं रही.
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए कहा कि उनकी अवामी लीग सरकार विवादस्पद इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक को अपने देश तक पहुंच नहीं देगी. इमाम ने कहा कि बांग्लादेश की सरजमीन को उन तत्वों को इस्तेमाल करने की कभी इजाजत नहीं दी जायेगी, जो हमारे पड़ोसियों के विरोधी हैं.