जानें, मोदी सरकार के मंत्रियों को

नरेंद्र मोदी के भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही एक नये युग की शुरुआत हो गयी. उनके साथ 44 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने भी शपथ ली, जो शासन चलाने में उनका सहयोग करेंगे. मोदी ने अपने कैबिनेट में युवा चेहरों और हर प्रांत को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2014 5:35 PM

नरेंद्र मोदी के भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही एक नये युग की शुरुआत हो गयी. उनके साथ 44 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने भी शपथ ली, जो शासन चलाने में उनका सहयोग करेंगे. मोदी ने अपने कैबिनेट में युवा चेहरों और हर प्रांत को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. उम्र ढलने की वजह से कई बड़े नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया है. उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में सात महिलाओं को जगह दी है, तो कुछ ऐसे लोग हैं, जो पहली बार चुनाव जीत कर आये हैं और उन्हें मंत्री बनाया गया है.

राजनाथ सिंह
मंत्री : गृह
पार्टी : भाजपा
सांसद : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

10 जुलाई, 1951 को उत्तर प्रदेश की चंदौली में राजनाथ सिंह का जन्म राम बदन सिंह के घर में हुआ था. गांव से ही प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में एमएससी की डिग्री हासिल की. मिर्जापुर के केबी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में भौतिकी के लेक्चरर के तौर पर कार्य किये. वर्ष 1977 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गये. 1983 में भाजपा के उत्तर प्रदेश राज्य के सचिव के रूप में काम किया. 1991 में राज्य के शिक्षा मंत्री बने. 1994 में राज्यसभा सदस्य बने. नवंबर, 1999 में वाजपेयी सरकार में भूतल परिवहन मंत्रालय का पदभार संभाला. अक्तूबर, 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये गये. 2002 में राजनाथ को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. मई, 2003 में एक बार फिर से मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाते हुए इन्हें कृषि मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया. जुलाई, 2004 में फिर से इन्हें पार्टी महासचिव बनाया गया. जनवरी, 2013 से राजनाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं.

अरुण जेटली

मंत्री : रक्षा

पार्टी : भाजपा

सांसद : राज्यसभा

दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से सक्रिय अरुण जेटली की गिनती भाजपा की अग्रणी पंक्ति में की जाती है. 28 दिसंबर, 1952 को नयी दिल्ली में जन्मे जेटली मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार के दौरान राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता रह चुके हैं. वकील पिता की संतान जेटली की शिक्षा-दीक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर स्कूल से हुई. श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएट डिग्री हासिल करने के दौरान वे छात्र राजनीति में आये. वीपी सिंह की सरकार द्वारा 1989 में इन्हें सॉलीसिटर जनरल नियुक्त किया गया. वाजपेयी सरकार में उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) का कार्यभार संभाली. विनिवेश मंत्रालय के नाम से एक नये मंत्रालय के गठन के बाद इन्हें उस मंत्रालय का मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया. जुलाई, 2000 के बाद से उन्होंने कानून, न्याय और कंपनी मामलों का मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान कई मंत्रालयों में अतिरिक्त प्रभार के तौर पर भी कार्यभार संभाला. इस लोकसभा चुनाव में अमृतसर से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे.

सुषमा स्वराज

मंत्री : विदेश

पार्टी : भाजपा

सांसद : विदिशा (मध्य प्रदेश)

हरियाणा के अंबाला शहर में जन्मीं सुषमा स्वराज पिछली लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता थीं. 14 फरवरी, 1953 को पैदा हुईं सुषमा मौजूदा लोकसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव जीती हैं. मार्च, 1998 में वाजपेयी सरकार में इन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का पदभार संभाला. दिल्ली में 1998 में हुए विधानसभा चुनावों से महज चंद माह पूर्व 13 अक्तूबर को इन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार होने के बाद इन्हें फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया और सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया. साथ ही, इन्होंने दूरसंचार मंत्रालय का पदभार भी संभाला. इससे पूर्व वाजपेयी की 1996 में 13 दिनों की सरकार में भी ये मंत्री रह चुकी हैं. वर्ष 1999 में बेल्लारी में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव हारने के बाद इन्हें वर्ष 2000 में उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद निर्वाचित किया गया. बाद में 2006 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद निर्वाचित किया गया. 2009 में विदिशा सीट से जीती थीं.

रामविलास पासवान

मंत्री : खाद्य आपूर्ति

पार्टी : लोजपा

सांसद : हाजीपुर (बिहार)

एनडीए गंठबंधन में शामिल रामविलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष हैं और इस बार हाजीपुर सीट से सांसद चुने गये हैं. 5 जुलाई, 1946 को खगडि़या में जन्मे पासवान बिहार विधानसभा के लिए पहली बार 1969 में चुने गये थे. इसके बाद वे छठी लोकसभा में चुने गये. 1974 में लोकदल के महासचिव नियुक्त किये गये. 1989 में वीपी सिंह की सरकार में इन्हें बतौर कैबिनेट श्रम एवं कल्याण मंत्री शामिल किया गया. 1996 में संयुक्त मोरचा सरकार में पासवान को रेल मंत्री बनाया गया. 1999 में वाजपेयी सरकार में बतौर एनडीए के गंठबंधन घटक दल के नेता इन्हें संचार मंत्री नियुक्त किया गया, जिसे सितंबर, 2001 तक संभाला और उसके बाद इन्हें अप्रैल, 2002 में मंत्रालय छोड़ने तक कोयला मंत्रालय की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. वर्ष 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया. 2004 में कांग्रेसनीत यूपीए गंठबंधन में इन्होंने रसायन व उर्वरक समेत स्टील मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. 2009 में ये लोकसभा का चुनाव हार गये थे.

नितिन गडकरी

मंत्री : भूतल परिवहन

पार्टी : भाजपा

सांसद : नागपुर (महाराष्ट्र)

मुंबई में फ्लाइओवर पुरुष के नाम से चर्चित नितिन गडकरी को सड़कों के निर्माण में अग्रणी नेता के रूप में जाना जाता है. 27 मई, 1957 को इनका जन्म नागपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था. एमकॉम और एलएलबी की डिग्री हासिल करनेवाले गडकरी 1985 में नागपुर शहर भाजपा के सचिव चुने गये. महज 24 वर्ष की उम्र में इन्हें महाराष्ट्र राज्य की भारतीय जनता युवा मोरचा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद लगातार चार कार्यकालों तक ये नागपुर शहर में एमएलसी रहे. 1992 में नागपुर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में भाजपा की विजय के बाद पार्टी में बतौर सशक्त नेता इनका राजनीतिक कैरियर शुरू हुआ माना जाता है. 2004 में इन्हें महाराष्ट्र राज्य भाजपा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इससे पूर्व वे महाराष्ट्र में कई समितियों के सदस्य और अध्यक्ष रह चुके हैं. महाराष्ट्र राज्य सरकार में मंत्री रहते हुए इन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थीं.मौजूदा लोकसभा चुनावों में ये नागपुर सीट से चुनाव जीत कर आये हैं.

वेंकैया नायडू

मंत्री : शहरी विकास

पार्टी : भाजपा

सांसद : राज्यसभा

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे वेंकैया नायडू का राजनीतिक कैरियर उस समय शुरू हुआ, जब 1973-74 में वे आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के (एबीवीपी से) अध्यक्ष निर्वाचित किये गये. 1974 में ही वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति की आंध्र प्रदेश यूनिट के संयोजक बने और आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष में शामिल हुए. 1977-80 के दौरान ये जनता पार्टी की युवा ब्रिगेड के अध्यक्ष रहे. 1978 में नायडू आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए उदयगिरी सीट से चुने गये. 1993 में इन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. 1998 में ये पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित हुए. फिर 2004 और 2010 में भी इन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया. वाजपेयी सरकार के दौरान 2000 में ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेवारी भी इन्होंने संभाली थी. 2002 में इन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. दक्षिण भारत में भाजपा की पैठ बनाने और लोगों के बीच इसे ले जाने में नायडू की अहम भूमिका मानी जाती है.

रविशंकर प्रसाद

मंत्री : कानून, सूचना प्रसारण व संचार

पार्टी : भाजपा

सांसद : राज्यसभा

पेशे से वकील रविशंकर प्रसाद का जन्म पटना में हुआ. पटना हाइकोर्ट में वकील इनके पिता जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में एक थे. पटना यूनिवर्सिटी में छात्र जीवन में ही प्रसाद राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ चुके थे. पटना हाइकोर्ट से 1980 में वकालत शुरू करने के बाद वे 1998 में सीनियर एडवोकेट बने. 2000 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट का सीनियर एडवोकेट बनाया गया. अप्रैल, 2000 में राज्यसभा सदस्य चुने जाने के कुछ समय बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल में कोयला एवं खान मंत्रालय का राज्य मंत्री बने. 2002 में इन्हें कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया. इसके बाद ये सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाये गये. 2006 में एक बार फिर से इन्हें राज्यसभा सदस्य बने. 2007 में इन्हें पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया. 2010 में ये पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाये गये. एक दशक में कई समितियों के सदस्य रहे. 2012 में लगातार तीसरी बार इन्हें बिहार से राज्यसभा के लिए चुना गया.

डॉ हर्षवर्धन

मंत्री : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

पार्टी : भाजपा

सांसद : चांदनी चौक (नयी दिल्ली)

छात्र जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ हर्षवर्धन का राजनीतिक कैरियर उस समय शुरू हुआ, जब 1993 में पहली बार दिल्ली राज्य सरकार में इन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. इस वर्ष दिल्ली विधानसभा के चुनावों में कृष्णा नगर सीट से ये जीत कर आये थे. 1996 में दिल्ली राज्य सरकार में इन्होंने शिक्षा मंत्री की जिम्मेवारी भी संभाली थी. दिल्ली के दरियागंज इलाके में एंग्लो-संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल से आरंभिक शिक्षा हासिल करनेवाले हर्षवर्धन को देश में पल्स पोलियो कार्यक्रम के पुरोधा के तौर पर जाना जाता है. इस क्षेत्र में इनके व्यापक योगदान के लिए जनवरी, 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्हें रोटरी इंटरनेशनल की ओर से ह्यपोलियो इरेडिकेशन चैंपियन अवॉर्डह्ण दिया था. यह पुरस्कार हासिल करनेवाले हर्षवर्धन पहले भारतीय थे. हर्षवर्धन आज तक किसी भी विधानसभा चुनाव में नहीं हारे हैं. 1993, 1998, 2003 और 2014 में ये विधानसभा के सदस्य निर्वाचित किये गये.पिछले वर्ष दिल्ली विधानसभा चुनावों से पूर्व भाजपा की ओर से इन्हें राज्य के मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया था. मौजूदा लोकसभा में ये दिल्ली की चांदनी चौक सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को हरा कर पहुंचे हैं.

स्मृति ईरानी

मंत्री : मानव संसाधन विकास

पार्टी : भाजपा

सांसद : राज्यसभा

दिल्ली में पैदा हुई स्मृति मल्होत्रा ईरानी का बचपन यहीं बीता और आरंभिक शिक्षा भी यहीं हुई. 38 वर्षीया स्मृति को मोदी मंत्रिमंडल में युवा और महिला चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. हिंदी, पंजाबी और बंगाली भाषा जाननेवाली स्मृति ने अपने बचपन के मित्र जुबिन ईरानी से शादी की है. वर्ष 2000 से 2008 तक एक मशहूर टेलीविजन धारावाहिक से इनकी लोकप्रियता बढ़ी और राजनीति में पदार्पण हुआ. 2003 में ये भाजपा में शामिल हुईं और आगामी लोकसभा चुनावों में चांदनी चौक से पार्टी ने इन्हें उम्मीदवार बनाया, लेकिन ये चुनाव हार गयीं. भाजपा महिला मोरचा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकीं स्मृति की पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए इन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया. वर्ष 2011 में इन्हें गुजरात से राज्यसभा का सदस्य चुना गया. 16वीं लोकसभा चुनावों में स्मृति को पार्टी ने अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वे तकरीबन एक लाख वोटों से चुनाव हार गयीं. लेकिन उन्होंने राहुल को कड़ी टक्कर दी थी.

उमा भारती

मंत्री : जल संसाधन व गंगा अभियान

पार्टी : भाजपा

सांसद : झांसी (मध्य प्रदेश)

3 मई, 1959 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में जन्मी साध्वी उमा भारती को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वे जलसंसाधन मंत्रालय और गंगा अभियान का काम देखेंगी. रामजन्म मंदिर अभियान के दौरान हुए आंदोलन में बड़े नेता के रूप में उभरीं उमा भारती वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री चुनी गयी थीं. वे पहली बार 1989 में लोकसभा की सदस्य चुनी गयीं. वे 1991, 1996 और 1998 में खजुराहो लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.1999 में भोपाल से लोकसभा सांसद बनीं. बीच में भाजपा से वैचारिक टकराव के कारण वह कुछ साल पार्टी से अलग रहीं. उन्होंने अपनी अलग पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी बनायी. जिसका हाल ही में भाजपा में विलय कर लिया. वाजपेयी के नेतृत्व के एनडीए में भारती कई मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री मसलन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पर्यटन, युवा मामले एवं खेल और कोल मंत्रालय में मंत्री रही हैं. वे 16वीं लोकसभा में झांसी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

डॉ नजमा हेपतुल्लाह

मंत्री : अल्पसंख्यक मामले

पार्टी : भाजपा

सांसद : राज्यसभा

13 अप्रैल, 1940 को मध्य प्रदेश के भोपाल में जन्मीं डॉ नजमा हेपतुल्लाह को नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का कार्यभार संभालेंगी. कांग्रेस के जरिये अपनी राजनीति की शुरुआत करनेवाली नजमा हेपतुल्लाह 1980 से ही राज्यसभा सदस्य हैं. 2004 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया. 1985, 1986 तथा 1988 से जुलाई, 2007 तक राज्यसभा की सभापति रहीं. वर्ष 2007 में उपराष्ट्रपति के चुनाव में हामिद अंसारी से मात्र 233 वोटों से हार गयीं.

डीवी सदानंद गौड़ा

मंत्री : रेल

पार्टी : भाजपा

सांसद : उत्तरी बेंगलुरु(कर्नाटक)

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डीवी सदानंद गौड़ा को नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गयी है. उत्तरी बेंगलुरु से सांसद चुने गये गौड़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनसंघ से की थी. वे वर्ष 2004 में वीरप्पा मोईली को हरा कर मंगलुरु से चुनाव जीते. वे 15वीं लोकसभा में उडूपी चिकमंगलूर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते. आगे चल कर उन्हें वीएस येदुरप्पा के स्थान पर कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया.

प्रकाश जावड़ेकर

मंत्री : संसदीय कार्य (स्वतंत्र प्रभार).
पार्टी : भाजपा.
सांसद : राज्यसभा

टीवी की राजनीतिक बहसों में अकसर दिखनेवाले भाजपा के चेहरों मंे शामिल प्रकाश जावड़ेकर को मोदी के मंत्रिपरिषद में जगह मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोर समूह में शामिल पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के करीबी माने जानेवाले जावड़ेकर छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे. बाद में राजनीति में आये. 1990 से 2002 तक वह दो बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. 2008 में उन्हें राज्यसभा में भेजा गया.पुणे से ताल्लुक रखनेवाले जावड़ेकर ने आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा के साथ तालमेल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वोट के बदले नोट घोटाले का खुलासा करने में भी उनकी अहम भूमिका रही.

राधा मोहन सिंह

मंत्री : कृषि

पार्टी : भाजपा

सांसद : पूर्वी चंपारण (बिहार)

1 सितंबर, 1949 को जन्मे राधामोहन सिंह को नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वे भारत सरकार के कृषि मंत्री के रूप में पदभार संभालेंगे. बिहार के पूर्वी चंपारण क्षेत्र से 16वीं लोकसभा में सांसद बने राधामोहन सिंह 11वीं, 12वीं, और 13वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं. वे वर्ष 2006 से 2009 के दौरान बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं.

गोपी नाथ मुंडे

मंत्री : ग्रामीण विकास मंत्री (कैबिनेट)

पार्टी : भाजपा

सांसद : बीड़ (महाराष्ट्र)

महाराष्ट्र भाजपा के बड़े नेता व लोकसभा सदस्य गोपीनाथ पांडुरंग मुंडे को नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है. 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे गोपीनाथ मुंडे लोकसभा में भाजपा के उपनेता रहे हैं. महाराष्ट्र के बीड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने मुंडे कई बार विधायक रहे हैं.1995 से 1999 के बीच उन्हें शिवसेना-भाजपा की सरकार में महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. 12 दिसंबर, 1949 को महाराष्ट्र के पराली में जन्मे गोपीनाथ मुंडे को छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति में दिवंगत भाजपा नेता प्रमोद महाजन लाये थे.

मेनका गांधी

मंत्री : महिला स्वास्थ्य कल्याण

पार्टी : भाजपा

सांसद : पीलीभीत (उत्तर प्रदेश)

मेनका गांधी जानवरों के अधिकार और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी रही. कांग्रेस के महासचिव संजय गांधी की विमान हादसे में मौत के बाद संजय राष्ट्रीय मंच पार्टी का गठन किया. 1984 के आम चुनाव में वे अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1988 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय जनता दल में कर दिया और उसकी महासचिव बन गयीं. जनता दल की जीत के बाद महज 33 साल में वे सबसे कम उम्र की मंत्री बनीं. वन और पर्यावरण मंत्री रहते मेनका ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिये. 96 और 98 के आम चुनाव में पीलीभीत से निर्दलीय सांसद चुनी गयीं. 1989-91 तक वन और पर्यावरण मंत्री बनी. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में 98-99 तक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री के पद पर रहीं. 2004 में मेनका भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयीं और पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से विजयी रहीं. 2009 के आम चुनाव में वे आंवला संसदीय क्षेत्र से चुनी गयीं और पीलीभीत से उनके बेटे वरुण गांधी चुने गये.

उपेंद्र कुशवाहा

मंत्री : राज्यमंत्री

पार्टी : रालोसपा

सांसद : काराकाट (बिहार)

बिहार के काराकाट से सांसद चुने गये 54 वर्षीय उपेंद्र कुशवाहा 1985 से 88 तक युवा लोकदल के राज्य महासचिव थे. 1988 से 93 तक वे जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव बने. वे 1994-2002 तक समता पार्टी के महासचिव रहे. 2002-04 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे कुशवाहा को मार्च, 2004 में समता पार्टी का उपनेता बनाया गया. 2005 में वे बिहार विधानसभा में समता पार्टी की ओर से विपक्ष के नेता बने.जुलाई, 2010 में जदयू की ओर से राज्यसभा सांसद बने. लेकिन नीतीश कुमार से विवाद होने के बाद दिसंबर, 2012 में राज्यसभा और जदयू से इस्तीफा देकर 3 मार्च, 2013 को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया. फरवरी, 2014 में वे एनडीए के सहयोगी बन गये.

डीवी सदानंद गौड़ा

मंत्री : रेल

पार्टी : भाजपा

सांसद : उत्तरी बेंगलुरु(कर्नाटक)

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डीवी सदानंद गौड़ा को नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गयी है. उत्तरी बेंगलुरु से सांसद चुने गये गौड़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनसंघ से की थी. वे वर्ष 2004 में वीरप्पा मोईली को हरा कर मंगलुरु से चुनाव जीते. वे 15वीं लोकसभा में उडूपी चिकमंगलूर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते. आगे चल कर उन्हें वीएस येदुरप्पा के स्थान पर कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया.

राधा मोहन सिंह

मंत्री : कृषि

पार्टी : भाजपा

सांसद : पूर्वी चंपारण (बिहार)

1 सितंबर, 1949 को जन्मे राधामोहन सिंह को नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वे भारत सरकार के कृषि मंत्री के रूप में पदभार संभालेंगे. बिहार के पूर्वी चंपारण क्षेत्र से 16वीं लोकसभा में सांसद बने राधामोहन सिंह 11वीं, 12वीं, और 13वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं. वे वर्ष 2006 से 2009 के दौरान बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं.

सुदर्शन भगत

मंत्री : राज्यमंत्री

पार्टी : भाजपा

सांसद : लोहरदगा (झारखंड)

15वीं लोकसभा में झारखंड के लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से चुने गये सुदर्शन भगत बिहार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयुक्त सचिव रह चुके हैं. 1995 में सक्रिय राजनीति में आने के बाद भगत 2000-05 तक झारखंड विधानसभा के सदस्य रहे. वर्ष 2000-03 तक झारखंड के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रहे. 2003-04 में मुख्यमंत्री सचिवालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री बने. 2004-05 तक झारखंड के कल्याण मंत्री रहे.45 वर्षीय भगत 16वीं लोकसभा के लिए एक बार फिर चुने गये हैं. मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है.जुलाई, 2010 में जदयू की ओर से राज्यसभा सांसद बने. लेकिन नीतीश कुमार से विवाद होने के बाद दिसंबर, 2012 में राज्यसभा और जदयू से इस्तीफा देकर 3 मार्च, 2013 को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया. फरवरी, 2014 में वे एनडीए के सहयोगी बन गये.

जुएल उरांव
मंत्री : आदिवासी मामले
पार्टी : भाजपा
सांसद : सुंदरगढ़ (ओडि़शा)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के पहले आदिवासी मामलों के मंत्री बन कर इतिहास रचनेवाले तेजतर्रार आदिवासी नेता जुएल उरांव साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के एकमात्र ऐसे सांसद रहे, जिन्होंने ओडि़शा से जीत हासिल की. राजनीति में आने से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के एक उपक्रम में छह साल तक काम कर चुके 53 साल के भाजपा नेता ने 2014 के चुनावों में ओडिशा की सुंदरगढ़ सीट से जीत हासिल की. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में उरांव ने पूर्व हॉकी कप्तान बीजद के उम्मीदवार दिलीप तिर्की को मात दी. पूरे ओडि़शा में बीजद ने शानदार प्रदर्शन किया. उरांव भाजपा से चार बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. भाजपा की ओडि़शा इकाई के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान उरांव ने पूरे राज्य में पार्टी की जड़ें मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. वह 1998 से लोकसभा में संुदरगढ़ संसदीय क्षेत्र की नुमाइंदगी करते रहे हैं. 2009 के आम चुनावों में उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा.
थावर चंद गहलोत
मंत्री : सामाजिक न्याय मंत्री
पार्टी : भाजपा
सांसद : राज्यसभा

मध्य प्रदेश से भाजपा के जाने पहचाने अनुसूचित जाति के नेता थावर चंद गहलोत ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल मंे उनकी भागीदारी को समाज के वंचित वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के तौर पर देखा जा रहा है. गहलोत मध्य प्रदेश के शाजापुर से 11वीं, 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने जाते रहे हैं. मई, 2012 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया. वह प्रदेश में पार्टी के संगठन में अनेक पदों पर रहे हैं. भाजपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ की कमान भी संभाल चुके हैं. मोदी के करीबी समझे जानेवाले गहलोत को गुजरात में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था.

कलराज मिश्र
मंत्री : भारी उद्योग मंत्री
पार्टी : भाजपा
सांसद : देवरिया (उत्तर प्रदेश)

आरएसएस के प्रचारक और जेपी के सहयोगी रहे कलराज मिश्र केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री की भूमिका अदा करेंगे. यूपी के दिग्गज नेताओं में गिने जानेवाले 71 वर्षीय मिश्र ने 1963 में पूर्वी पूर्वांचल के गोरखपुर में संघ प्रचारक के तौर पर काम शुरू किया था. उसके बाद राजनीति में आये. तत्कालीन जनसंघ से नजदीकी के चलते उन्हें 1968 में आजमगढ़ मंे भारतीय जनसंघ का संगठन सचिव बनाया गया. जेपी आंदोलन से प्रभावित मिश्र ने 1974 में जयप्रकाश नारायण द्वारा शुरू की गयी ह्यसंपूर्ण क्रांतिह्ण के संयोजक की भूमिका निभायी थी. आपातकाल में वे देवरिया जेल में बंद थे. वाराणसी मंे काशी विद्यापीठ से पोस्टग्रेजुएट मिश्र 1978 में जनता पार्टी की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. वह तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे. एमएलसी होते हुए उन्होंने प्रदेश भाजपा की बागडोर भी संभाली. उन्होंने उत्तराखंड के निर्माण अहम भूमिका निभायी थी. वह हाल ही में देवरिया सीट से सांसद बने हैं.

जनरल वीके सिंह
मंत्री : गृह व विदेश राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार
पार्टी : भाजपा
सांसद : गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनाये गये जनरल वी के सिंह का अतीत काफी उतार-चढ़ाववाला रहा है, जिसमें उनकी आयु के मुद्दे को लेकर यूपीए सरकार के साथ लंबे समय तक चला गतिरोध भी शामिल है. 63 वर्षीय वीके सिंह अपनी आयु के मुद्दे पर 2012 में कानून मंत्रालय से कानूनी लड़ाई हार गये थे. उन्होंने यूपीए सरकार के विरुद्ध अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भागीदारी की. चुनावों से कुछ दिन पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे. चुनाव में सिंह ने गाजियाबाद सीट पर कांग्रेस के राज बब्बर को 5.67 लाख वोटों से हराया. मोदी ने कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री को 5.70 लाख वोटांे से हराया था. राजनीति में नये-नवेले सिंह 2012 से विवादों में रहे. सेना प्रमुख के तौर पर उन्होंने सेना में भ्रष्टाचार रोधी मुहिम शुरू की. जिसमें पूर्व सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश समेत कई लेफ्टिनेंट जनरल को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ा. सेना प्रमुख के तौर पर जनरल सिंह के कार्यकाल का अधिकांश समय उनके आयु के मुद्दे को लेकर सरकार के साथ कानूनी लड़ाई में निकला. सिंह ने अपनी जन्मतिथि 10 मई, 1951 होने का दावा किया था, जबकि सरकार ने उनकी आयु 10 मई, 1950 बतायी थी.

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