नयी दिल्ली: भाकपा ने आज अनुच्छेद 370 को कश्मीर को भारत से जोडने वाली ‘जीवनरेखा’ बताते हुए सरकार को इस मुद्दे पर ‘जल्दबाजी’ में कोई फैसला ना लेने को लेकर आगाह किया. पार्टी ने साथ ही कहा कि किसी की ‘सनक ’ को पूरा करने के लिए संविधान के साथ छेडछाड नहीं होनी चाहिए.
पार्टी के केंद्रीय सचिवालय ने सरकार से कहा कि वह ‘‘अनुच्छेद 370 पर जल्दबाजी में कोई फैसला ना करे जो कि कश्मीर को भारतीय संघ के साथ जोडने वाली जीवनरेखा है.’’ भाकपा ने एक बयान में कहा, ‘‘कुछ लोगों की सनक के लिए संविधान के साथ छेडछाड नहीं की जानी चाहिए. यह एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा है जिससे संविधान के निर्माताओं के दायित्वों को सम्मान करते हुए सावधानीपूर्वक निपटना चाहिए.’’
भाकपा का यह बयान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह के कल दिए गए एक बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने यह कहकर विवाद खडा कर दिया कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर के लिहाज से अनुच्छेद 370 के गुण दोषों पर चर्चा के लिए तैयार है और राज्य में समाज के हर वर्ग के साथ संपर्क करके उन लोगों को समझाने के प्रयास किये जाएंगे जो ‘‘असहमत’’ हैं. सिंह जम्मू-कश्मीर से पहली बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं.
पार्टी ने साथ ही विदेशी बैंकों में रखा हुआ काला धन वापस लाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन से जुडे उच्चतम न्यायालय के निर्देश को अमल में लाने के केंद्र सरकार के फैसले का भी स्वागत किया. भाकपा ने कहा कि वाम दल लंबे समय से इस तरह की मांग कर रहे थे.